25कोडपी55 मौके पर मौजूद इमाम व अन्य. कोडरमा. रमज़ान के पाक महीने में चंदवारा प्रखंड अंतर्गत जोलहकरमा की मस्जिद-ए-अक्सा में तरावीह की नमाज के दौरान कुरआन-ए-करीम मुकम्मल किया गया़ 23वीं रमज़ान की रात बड़ी संख्या में लोग मस्जिद में जमा हुए और पूरे अदब व श्रद्धा के साथ कुरआन सुनने की पाक परंपरा पूरी हुई़ मौके पर इबादत का नूरानी माहौल देखने को मिला़ 23वें रमजान से सुराह तरावीह पढ़ी जायेगी, जो चांद रात तक जारी रहेगी़ जानकारी के अनुसार इस्लाम धर्म में रमज़ान को सबसे पवित्र महीना माना जाता है, जिसमें मुसलमान रोजा रखते हैं और रात में ईशा की नमाज के बाद विशेष नमाज तरावीह अदा करते हैं. इस दौरान कुरआन-ए-पाक को मुकम्मल करने की परंपरा निभायी जाती है, जो इबादत का एक अहम हिस्सा है. मस्जिद-ए-अक्सा में मस्जिद के इमाम हाफ़िज़ जमाल साहब ने तरावीह की अहमियत पर रोशनी डालते हुए कहा कि यह न केवल अल्लाह की इबादत करने का जरिया है, बल्कि कुरआन सुनने और समझने का भी एक सुनहरा अवसर होता है़ उन्होंने कहा कि रमज़ान आत्म शुद्धि, संयम और नेक अमल का महीना है, जिसमें हर मुसलमान को अपने गुनाहों से तौबा कर अल्लाह की राह पर चलने का संकल्प लेना चाहिए़ इमाम ने एक से बढ़कर एक नात पेश की़ मौके पर हाफ़िज़ शमीम साहब ने भी तरावीह की फज़ीलत और इसकी अहमियत को बयान किया़ उन्होंने बताया कि तरावीह सिर्फ एक इबादत नहीं, बल्कि अल्लाह की रहमतों और बरकतों को हासिल करने का जरिया है़ कुरआन मुकम्मल होने के बाद देश-दुनिया में अमन, भाईचारे और खुशहाली के लिए खास दुआ मांगी गयी. मौके पर मो. हनीफ, मो. गुलजार, मो. अजीम, मो. मुमताज, मो. इस्लाम, मो. सद्दाम, मो. इलयास, मो. शहजाद, जमतली मियां, मो. रफीक, मो. इसराइल, मो. समसुद्दीन, रहमत मियां, इब्राहिम मियां, मो. मुस्लिम व अन्य मौजूद थे़
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