21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

समाज को नयी दिशा दे रहे हैं बुजुर्ग

कहते हैं रिटायरमेंट के बाद लोग घर में आराम करते हैं, कुछ परिवार और बच्चों को समय देते हैं, लेकिन जिले के कुछ ऐसे भी सेवानिवृत्त लोग हैं जो घर परिवार को समय देते हुए कर्मयोगी बन समाज को नयी दिशा देने में लगे हुए हैं.

कोडरमा बाजार. कहते हैं रिटायरमेंट के बाद लोग घर में आराम करते हैं, कुछ परिवार और बच्चों को समय देते हैं, लेकिन जिले के कुछ ऐसे भी सेवानिवृत्त लोग हैं जो घर परिवार को समय देते हुए कर्मयोगी बन समाज को नयी दिशा देने में लगे हुए हैं. जिले के कुछ ऐसे ही कर्मयोगियों पर पेश है रिपोर्ट.

पेंशनधारियों की आवाज बन समस्याओं का समाधान कर रहे नारायण

आदर्श मध्य विद्यालय से वर्ष 2002 में सेवानिवृत्त वरीय शिक्षक नारायण मोदी जिले के पेंशनधारियों की आवाज बन कर उनकी समस्याओं का समाधान कर रहे हैं. श्री मोदी जिला पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष के रूप में पिछले कई वर्षों से अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं. वे अपनी सक्रियता और परिश्रम से न केवल पेंशनधारियों के विभागीय समस्याओं का बखूबी निष्पादन कर रहे हैं, बल्कि समाज को भी सुदृढ़ कर रहे हैं. इनके कार्यकाल में कोडरमा जिला पेंशनर्स समाज काफी आगे बढ़ा है़ वर्तमान में समाज के पास न केवल अपना कार्यालय है, बल्कि सदस्यों की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है़ 83 वर्षीय श्री मोदी ने बताया कि सेवा काल से लेकर अब तक उन्होंने कभी भी घर में बैठ कर समय को बर्बाद नहीं किया है़ जब तक नौकरी में रहा ईमानदारी पूर्वक अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर नौनिहालों के बीच शिक्षा का अलख जगाने का काम किया़ वर्ष 2002 में सेवानिवृत्ति के बाद जिला पेंशनर्स समाज में शामिल हुए और पेंशनधारियों की समस्याओं का समाधान करने का हर संभव प्रयास किया़ वर्ष 2006 में पहली बार पेंशनर्स समाज का अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी मिली तब से लेकर अब तक वे अध्यक्ष पद पर रह कर अपने दायित्वों का निर्वहन करते आ रहे हैं. श्री मोदी कहते है कि परिवार और पोतों से समय निकाल कर पेंशनभोगियों की समस्याओं का समाधान करते आ रहे हैं. इस कार्य से असीम अनुभूति मिलती है़

निःशुल्क शिक्षा देने में बीतता है एलबी सिंह का समय

राजकीयकृत प्लस टू उच्च विद्यालय कोडरमा से प्रधानाध्यापक के पद से सेवानिवृत्त होने वाले सुंदर नगर निवासी लाल बहादुर सिंह अपने नाम से कम बायोलॉजी सर के नाम से आज भी जाने जाते हैं. श्री सिंह सेवानिवृत्ति के बाद आज भी पूरी तरह चुस्त दुरुस्त हैं. प्रतिदिन मॉर्निंग वाक से दिनचर्या शुरू करने वाले श्री सिंह वर्तमान में आसपास के बच्चों को न केवल विज्ञान और गणित की शिक्षा निःशुल्क देने में लगे हुए हैं, बल्कि जिले के सरकारी और निजी विद्यालयों में जाकर मैट्रिक के विद्यार्थियों को निःशुल्क पढ़ाते हैं. 65 वर्ष से अधिक उम्र के श्री सिंह का कहना है कि खुद को कभी भी रिटायर्ड नहीं समझना चाहिए, बल्कि एक्टिव रह कर समाज को एक नयी दिशा देने का सकारात्मक प्रयास करना चाहिए़ इनकी मानें तो जब तक चलने फिरने की क्षमता है तब तक बच्चों को शिक्षा देने का कार्य जारी रहेगा़

सिविल कोर्ट से सेवानिवृत्ति के बाद कानूनी सलाह देते हैं ब्रजेश

न्यू कालोनी निवासी और सिविल कोर्ट से कार्यालय अधीक्षक के पद से सेवानिवृत्त ब्रजेश कुमार सिन्हा उर्फ ब्रजेश बाबू वर्ष 2009 को सेवानिवृत्त हुए, परंतु खुद को कभी भी रिटायर्ड नहीं समझते. श्री सिन्हा वर्तमान में अपने बड़े पुत्र अधिवक्ता कुमार रौशन को न केवल उनके कार्यों के निष्पादन में सहयोग करते हैं, बल्कि समय-समय पर कानूनी सलाह भी देते हैं. श्री सिन्हा ने बताया कि सन 1982 से 2009 तक तक सेवा में रह कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन बेहतर ढंग से किया़ 31 जुलाई 2009 को सेवानिवृत्त होने के पश्चात पारिवारिक जिम्मेवारियों का निर्वहन करने के साथ-साथ बेटे के कार्यो में सहयोग करते हैं. पोते पोतियों से जो समय बच जाता है उसका सदुपयोग बेटे के फाइलों को निपटाने में करते हैं. कभी कभी कानूनी मार्गदर्शन भी देते हैं.

कभी सरकारी कार्यालयों को रौशन करते थे सुभाष, आज भी कर रहे हैं काम

सुंदर नगर के सुभाष शर्मा एक सरकारी सेवक रह चुके हैं. बिजली मिस्त्री के पद से सेवानिवृत्त होने वाले श्री शर्मा 70 वर्ष से अधिक उम्र के हैं. बावजूद युवाओं के बीच प्रेरणास्रोत बने हुए हैं. श्री शर्मा पेंशनर्स समाज के दायित्वों का निर्वहन करने के साथ-साथ आज भी बिजली से जुड़े कार्यों को बखूबी कर रहे हैं. पंखा मरम्मत की बात हो अथवा घरों के बिजली की श्री शर्मा इस उम्र में भी पूरी सक्रियता के साथ काम करते हैं. सुभाष ने बताया कि सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशनर्स समाज से जुड़ कर पेंशनधारियों को सहयोग करने, पेंशनर्स कार्यालय को प्रतिदिन निर्धारित समय पर खोलने, घर की जिम्मेवारियों को निभाने के बाद जो भी समय बचता है उसका सदुपयोग वे बिजली से संबंधित कार्यों में करते हैं. श्री शर्मा ने बताया कि आज भी वे घरों में बिजली मरम्मत के साथ-साथ पंखा, मोटर आदि की मरम्मत का कार्य कर रहे हैं. इससे समय कब बीतता है पता भी नहीं चलता और कुछ आमदनी भी हो जाती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें