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दिलचस्प रहा चुनाव, चित हुए धुरंधर

विधानसभा व लोकसभा में प्रतिनिधित्ववाले दल के समर्थन के बावजूद एक ही सीट ला पायी विद्यार्थी परिषद, अध्यक्ष व सचिव पद से धोना पड़ा हाथ, मुश्किल से बची लाज कोडरमा : करीब आठ साल बाद हुए छात्र संघ चुनाव का परिणाम इस बार चौंकाने वाला रहा है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय से अंगीभूत जिले के एकमात्र […]

विधानसभा व लोकसभा में प्रतिनिधित्ववाले दल के समर्थन के बावजूद एक ही सीट ला पायी विद्यार्थी परिषद, अध्यक्ष व सचिव पद से धोना पड़ा हाथ, मुश्किल से बची लाज
कोडरमा : करीब आठ साल बाद हुए छात्र संघ चुनाव का परिणाम इस बार चौंकाने वाला रहा है. विनोबा भावे विश्वविद्यालय से अंगीभूत जिले के एकमात्र जेजे काॅलेज में एक समय था. जब अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का डंका बजा था, पर इस बार के चुनाव परिणाम ने भगवा झंडे के दल से खुला समर्थन के बावजूद इस संगठन ने मुश्किल से अपनी लाज बचायी. यहीं हाल अन्य दलों का भी रहा है. वैसे तो छात्र संघ के चुनाव दलगत आधारित नहीं होते, लेकिन शुरुआत से ही पूरे चुनावी परिदृश्य में राजनीतिक हस्तक्षेप साफ दिख रहा था. देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआइ से तो एक उम्मीदवार ने भी नामांकन नहीं किया तो इसका पता पहले ही साफ हो गया, वहीं नामांकन के बाद मुख्य रूप से विद्यार्थी परिषद, स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया, छात्र आजसू के उम्मीदवार मैदान में टिके थे.
इसके अलावा भारतीय विद्यार्थी मोरचा व अन्य निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी मैदान में भाग्य आजमा रहे थे. चुनावी चर्चा से लेकर अंतिम दौर तक यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि मुख्य लड़ाई में अभाविप, एसएफआइ रहेगा, जबकि आजसू को एक सीट मिल सकता है. गांव के छात्र-छात्राओं को प्रभावित कर व एक जाति विशेष के वोटरों को मतदान केंद्र तक लाकर छात्र आजसू की प्रत्याशी अध्यक्ष पद पर जीत तो गयी, लेकिन अभाविप व एसएफआइ के लिए यह परिणाम संतोषजनक नहीं रहा. दोनों छात्र संगठनों को चौंकाते हुए विद्यार्थी मोर्चा से उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार मो सद्दाम विजयी हो गये. यूं कहे दो की लड़ाई में तीसरे ने सफलता हासिल कर ली. जानकारी के अनुसार विद्यार्थी परिषद के उम्मीदवारों के समर्थन में नामांकन के बाद से ही भाजपा से जुड़े नेता खुलकर मैदान में आये और चुनाव के दिन तक वोटरों को लुभाते नजर आये. ऐसे समय में जब कोडरमा में विधानसभा से लेकर लोकसभा में इस दल का प्रतिनिधित्व है, तो इस तरह के चुनाव परिणाम की उम्मीद इनके नेताओं ने भी नहीं की थी.
रविवार की देर रात चुनाव परिणाम आने के बाद आजसू, एसएफआइ के समर्थक जश्न मनाते तो नजर आये, पर परिषद के सदस्य दूर-दूर तक नजर नहीं आये. यह परिणाम सबसे अधिक परिषद के लिए चौंकाने वाला रहा. चूंकि आठ साल पहले हुए चुनाव में चारों पद पर विद्यार्थी परिषद का कब्जा था. इस बार एक मात्र पद सह सचिव का मिला. सचिव पद पर एसएफआइ समर्थित रवि कुमार ने जीत हासिल की. इस संगठन से जुड़े उम्मीदवारों के लिए भी नेताओं ने दिन रात एक किया पर अंतिम समय में उनके चेहरे पर हवाइयां उड़ी दिखी, लेकिन एक सीट निकालने के बाद कुछ राहत उन्हें महसूस हुआ. आजसू ने पहली बार यहां इंट्री की और अध्यक्ष जैसा महत्वपूर्ण पद अपनेनाम किया.
दो पदों पर काफी कम मत से हुआ फैसला
छात्र संघ चुनाव में चारों पदों पर मुकाबला अलग स्थिति वाला नजर आया. एक तो नोटा में भी वोट गिरे, दूसरी ओर कई वोट रद्द भी हुए. अध्यक्ष पद पर आजसू की नाजिया नाज ने 137 मत से विद्यार्थी परिषद के रवि कुमार को हराया. नाजिया को 464 तो रवि को 327 मत मिले. इसमें दो वोट नोटा को तो 46 मत रद्द हो गये. उपाध्यक्ष पद पर भारतीय विद्यार्थी मोर्चा के मो सद्दाम ने मात्र 22 वोट से जीत हासिल की. सद्दाम को 365 तो दूसरे स्थान पर रहे विद्यार्थी परिषद के राहुल कुमार सिंह को 343 मत मिले. 18 वोट नोटा में तो 106 मत रद्द हो गये. सचिव पद पर जीत हार का फैसला मात्र 34 वोट से हुआ. विजेता एसएफआइ के रवि कुमार को 387 तो दूसरे स्थान पर रही विद्यार्थी परिषद की निधि भारती को 353 मत मिले. इसमें भी नोटा में पांच व 119 मत रद्द हुआ. सह सचिव पद पर जीत हार का फैसला ज्यादा फासले वाला रहा. विद्यार्थी परिषद के आकाश कुमार ने 496 तो निर्दलीय राज नयन सिंह को 293 मत मिले. जीत हार का फासला 203 मत का रहा.
विजेताओं ने कहा, छात्र हित में होगा काम
जीत हासिल करने के बाद अध्यक्ष पद पर निर्वाचित नाजिया नाज ने कहा कि जीत की खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकती. मेरी जीत में सभी ने मदद की. मैं सभी का दिल से शुक्रगुजार हूं.
मेरी प्राथमिकता लड़कियों को होनेवाली परेशानी को पहले दूर करने की होगी. आइडी कार्ड बनाने तक में घंटों का समय लगता है. लाइब्रेरी की सुविधा बढ़ाने को लेकर प्रयास करुंगी. इसके अलावा अन्य सुविधाएं बढ़ाने का प्रयास होगा. सचिव पद पर निर्वाचित रवि कुमार ने छात्रों की निष्क्रियता व कम वोटिंग ने हमें निराश किया. हम जीते तो जरूर हैं, पर छात्रों को अपना अधिकार समझना होगा. हम छात्र हित में मजबूती के साथ काम करेंगे. सह सचिव पद पर निर्वाचित आकाश कुमार यादव ने कहा कि काॅलेज में मूलभूत सुविधा बहाल करवाना प्राथमिकता होगी. पानी, शौचालय, बिजली, लाइब्रेरी की सुविधा बढ़ाने के साथ ही 180 दिन की पढ़ाई पर जोर रहेगा.

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