कोडरमा बाजार : जल संचयन और संग्रहन को लेकर सात जुलाई से जिले में शुरू हुए जल शक्ति अभियान के दौरान जिला प्रशासन द्वारा शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा के जल को संरक्षित करने के लिए कई योजनाओं पर काम शुरू कर दिया गया है. इस अभियान में श्रमदान को महत्व देते हुए इसके जरिये महत्वपूर्ण योजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
विभागीय आंकड़ों की मानें तो सात जुलाई से 15 सितंबर तक चलने वाले अभियान के दौरान श्रमदान से 188 पनसोखा व 230 टीसीबी (ट्रेंच कम बंड) जिले के विभिन्न पंचायतों में बनाया जायेगा. इसके अलावा डोभा निर्माण, ट्रेंच कटिंग, सोकपिट, मेढ बंदी आदि योजनाओं को भी श्रमदान के जरिये पूर्ण किया जायेगा. अभियान के दौरान कोडरमा प्रखंड में 50 पनसोखा, 15 टीसीबी, 35 रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना बनायी जायेगी.
वहीं जयनगर प्रखंड में 195 टीसीबी का निर्माण के अलावा सरकारी भवनों में 25 रेन वाटर हार्वेस्टिंग संरचना बनाया जायेगा. मरकच्चो में पनसोखा के 138 योजनाओं को श्रमदान के जरिये पूर्ण किया जायेगा. सतगांवा में पनसोखा, आम बागवानी और डोभा निर्माण की 172 योजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है तो चंदवारा में टीसीबी, डोभा, ट्रेंच कटिंग, सोकपिट, मेढ़ बंदी और रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की 26 योजनाओं को पूर्ण किया जायेगा. इसके अलावा डोमचांच प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में ट्रेंच कम बंड (टीसीबी) की 45 योजनाएं श्रमदान के जरिये पूर्ण करने का लक्ष्य है.
श्रमदान को लेकर आधी आबादी भी आ रही आगे : जिले में जल शक्ति अभियान की शुरुआत रविवार को हुई. समाहरणालय परिसर में अधिकारियों के साथ शिक्षा मंत्री, सांसद ने अभियान की शुरुआत कर श्रमदान किया तो इसका असर भी दिखना शुरू हो गया है. पूरे जिले भर से आ रही जानकारी के अनुसार श्रमदान में आधी आबादी भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. पंचायती राज व्यवस्था में चुनी गयी जनप्रतिनिधि महिलाओं के अलावा आम महिलाएं भी जल संचय को लेकर जागरूक होकर जल संरक्षण की दिशा में काम कर रही हैं.