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सिस्टम को क्लीन चिट, झोला छाप पर दिखेगी सख्ती

सीएस ने जारी किया आदेश क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अनुपालन को लेकर फिर चलेगा जांच अभियान कोडरमा : जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित फुलवरिया के आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के तीन वर्षीय बच्चे शिवम की मौत मामले में सिस्टम के लोगों को एक तरह से क्लीन चिट दे दी गयी […]

सीएस ने जारी किया आदेश

क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अनुपालन को लेकर फिर चलेगा जांच अभियान
कोडरमा : जिला मुख्यालय से महज दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित फुलवरिया के आदिम जनजाति बिरहोर परिवार के तीन वर्षीय बच्चे शिवम की मौत मामले में सिस्टम के लोगों को एक तरह से क्लीन चिट दे दी गयी है. वहीं दूसरी ओर इस मौत के बाद झोला छाप व गैर निबंधित अस्पतालों के विरुद्ध कार्रवाई को लेकर एक बार फिर आदेश जारी किया गया है.
सिविल सर्जन डाॅ हिमांशु भूषण बरवार ने शनिवार को एक आदेश जारी कर सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को अपने इलाके में स्थित अस्पतालों, ओपीडी क्लिनिक, लेबोरेट्री, एक्सरे आदि की जांच करने को कहा है. जारी आदेश में सीएस ने कहा है कि क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट 2010 के तहत निबंधित, गैर निबंधित, अनियमित नर्सिंग होम, ओपीडी क्लिनिक, लेबोरेट्री, एक्सरे आदि की जांच फिर से सुनिश्चित कर कार्रवाई किये जाने की बात कही गयी है.
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी कोडरमा, जयनगर, मरकच्चो व सतगावां को जारी पत्र में कहा गया है कि पूर्व में बहुत सारे संस्थानों का निरीक्षण कर कार्रवाई की गयी थी, पर इन दिनों एक बार फिर अव्यवस्थित तरीके से संचालित, गैर निबंधित, झोला छाप चिकित्सकों द्वारा गलत तरीके से मरीजों का इलाज किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है. ऐसे में एक्ट के अनुपालन को सुनिश्चित करते हुए जांच अभियान चलाया जाये. इस अभियान में पूर्व में गठित जांच टीम को एक सप्ताह के अंदर कार्रवाई करने को कहा गया है.
इधर, जानकारी सामने आयी है कि संजय बिरहोर के पुत्र शिवम बिरहोर की मौत मामले में सदर अस्पताल के पूरे सिस्टम को एक तरह से जांच टीम ने क्लीन चिट दे दी है. टीम में शामिल डीएस डाॅ रंजन कुमार, डाॅ एबी प्रसाद ने प्रथम दृष्टया जांच में कहा गया है कि बच्चे का इलाज पहले डाॅ आरपी शर्मा व बाद में डाॅ सुरेंद्र कुमार ने किया. बच्चे के सामान्य स्थिति में होने के कारण उसे एडमिट नहीं किया गया. हालांकि, इस संबंध में पूछे जाने पर सीएस डाॅ हिमांशु बरवार ने कहा कि जांच रिपोर्ट को अभी देख रहे हैं. प्रथम दृष्टया कोई दूसरी बात सामने नहीं आयी है. फाइनल रिपोर्ट के बाद आगे की कार्रवाई होगी. ज्ञात हो कि बीते दिन आंगनबाड़ी केंद्र में लू लगने के बाद तीन वर्षीय शिवम को लेकर उसका पिता संजय बिरहोर सदर अस्पताल पहुंचा था.
यहां डाॅक्टर ने इंजेक्शन देने के बाद बच्चा वाले डाॅक्टर को दिखाने की बात कही थी, सदर अस्पताल में ही शिशु रोग विशेषज्ञ ने जांच के बाद पर्ची पर दवा लिखी थी. दवाखाना में दवा नहीं मिलने पर संजय लौट आया था और बाद में निजी चिकित्सक डाॅ पवन कुमार से इलाज कराया था. अगले दिन सुबह वह दोबारा सदर अस्पताल पहुंचा था, पर इलाज नहीं होने के कारण वापस घर लौट गया था, जहां शिवम की मौत हो गयी थी.
संजय का आरोप था कि दवा नहीं मिलने व सही इलाज नहीं होने के कारण उसके पुत्र की मौत हुई. इस मामले के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सीधे निजी चिकित्सक डाॅ पवन को टारगेट किया और उनके क्लिनिक पर छापामारी की. इसमें डाॅक्टर के डिग्री पर संदेह जताते हुए दुकान को भी बिना निबंधित संचालित होने की बात बतायी गयी. हालांकि, पूरी जांच जारी है. इधर, जानकारी सामने आयी है कि सदर अस्पताल में डाॅक्टर ने बच्चे को मल्टी विटामिन की दवा लिखी थी जो, वहां उपलब्ध नहीं थी. इस कारण उसे दिया नहीं गया.

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