टीम के अधिकारियों को चिकित्सक की डिग्री फर्जी होने का संदेह
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तीन वर्षीय बिरहोर बच्चे की लू से मौत मामले में जांच शुरू
टीम के अधिकारियों को चिकित्सक की डिग्री फर्जी होने का संदेह कोडरमा बाजार : जिला मुख्यालय स्थित नगर पंचायत के फुलवरिया वार्ड नंबर एक के तीन वर्षीय शिवम बिरहोर की लू से बीते आठ मई को हुई मौत मामले की जांच को लेकर सीएस के निर्देश पर जांच टीम शुक्रवार को कोडरमा मेडिकल स्थित डॉ […]
कोडरमा बाजार : जिला मुख्यालय स्थित नगर पंचायत के फुलवरिया वार्ड नंबर एक के तीन वर्षीय शिवम बिरहोर की लू से बीते आठ मई को हुई मौत मामले की जांच को लेकर सीएस के निर्देश पर जांच टीम शुक्रवार को कोडरमा मेडिकल स्थित डॉ पवन कुमार के क्लिनिक में पहुंची.
जांच टीम में शामिल कोडरमा प्रखंड प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ रंजीत कुमार और सदर अस्पताल के डॉ मनोज कुमार द्वारा क्लिनिक का निरीक्षण किया गया. निरीक्षण के क्रम में पता चला कि घटना के बाद से ही उक्त चिकित्सक फरार है. इस मामले में जांच टीम के डॉ रंजीत कुमार ने बताया कि जांच पड़ताल के दौरान मेडिकल संचालक कुंतल बनर्जी द्वारा न तो डॉ पवन कुमार का डॉक्टर होने का डिग्री उपलब्ध करा पाया और न ही संचालित क्लिनिक का निबंधन प्रमाण पत्र.
इससे प्रतीत होता है कि उक्त डॉक्टर का डिग्री फर्जी है. साथ ही वर्षों से संचालित उक्त क्लिनिक भी बिना निबंधन के चल रही है. दोनों ही मामले गंभीर है. उन्होंने कहा की दो दिनों के अंदर उक्त डॉ की डिग्री और क्लिनिक निबंधन से संबंधित प्रमाणपत्र उपलब्ध कराने को कहा गया है और तब तक क्लिनिक को बंद रखने को कहा गया है. उन्होंने बताया की जांच के दौरान भारी मात्रा में सीरिंज पाया गया है, जिससे प्रतीत होता है कि क्लिनिक में प्रतिदिन दर्जनों मरीजों का इलाज किया जाता है. उल्लेखनीय है कि बीते मंगलवार को फुलवरिया के तीन वर्षीय शिवम कुमार पिता संजय बिरहोर को आंगनबाड़ी केंद्र के बाहर लू लग गया. पिता के अनुसार उसके नाक से खून बहने लगा.
सहायिका के कहने पर संजय बिरहोर उसे सदर अस्पताल ले गया. मगर वहां डॉ द्वारा बाहरी दवा लिखे जाने पर उसने पैसे नहीं होने की बात कही तो दवा देने वाला यह सुन कर दवा की पर्ची फेंक दी और कहा कि जहां जाना है जाओ. उसके बाद किसी की मदद से वह अपने पुत्र को लेकर कोडरमा मेडिकल स्थित डॉ पवन कुमार के क्लिनिक में इलाज के लिए लाया. जहां उक्त डॉ ने बिना पैसे लिए बच्चे का इलाज किया.
रात में बच्चे की तबियत में सुधार नहीं होने पर पुनः बुधवार को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया. आरोप है कि वहां किसी भी डॉ ने बच्चे को नहीं देखा और न ही भर्ती ही किया. बेवश होकर संजय बिरहोर बिना इलाज के वापस फुलवरिया स्थित अपने घर लौट गया और इसी दौरान उक्त बच्चे की मौत हो गयी.
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