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मुखियाओं ने की 72 लाख की गड़बड़ी, होगी वसूली

सरकार को भेजी गयी 91 पंचायतों में टैंकर खरीद के मामले में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट विकास कोडरमा : जिले के 91 पंचायतों के मुखिया, पंचायत सेवक व आपूर्तिकर्ता ने मिल कर टैंकर खरीद में बड़ी गड़बड़ी की है. टैंकर तय कीमत से करीब दोगुने दाम में क्रय किये गये हैं. इस प्रकार करीब 72 […]

सरकार को भेजी गयी 91 पंचायतों में टैंकर खरीद के मामले में गड़बड़ी की जांच रिपोर्ट
विकास
कोडरमा : जिले के 91 पंचायतों के मुखिया, पंचायत सेवक व आपूर्तिकर्ता ने मिल कर टैंकर खरीद में बड़ी गड़बड़ी की है. टैंकर तय कीमत से करीब दोगुने दाम में क्रय किये गये हैं. इस प्रकार करीब 72 लाख रुपये की गड़बड़ी की बात सामने आयी है. 14वें वित्त आयोग से मई 2016 में हुई टैंकर खरीदारी मामले में गड़बड़ी को लेकर हुई जांच के बाद सभी तथ्य सामने आये हैं.
ऐसे में गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार मुखिया, पंचायत सेवक व आपूर्तिकर्ता से राशि वसूली की अनुंशसा अब जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से की है. अब राशि वसूली को लेकर सभी पर कार्रवाई की तलवार लटक गयी है. यही नहीं गड़बड़ी के लिए जिम्मेवार टैंकर आपूर्तिकर्ताओं झुमरीतिलैया के अंकित स्टील फर्नीचर व सीके फेब्रिकेशन को काली सूची में डालने की अनुशंसा भी की गयी है. जानकारी के अनुसार पूरे मामले को लेकर हुई जांच से संबंधित रिपोर्ट डीसी संजीव कुमार बेसरा ने ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को भेज दी है.
रिपोर्ट के अनुसार पंचायतों में टैंकर की खरीदारी पंचायत सचिवालय में नोटिस चिपकाकर कोटेशन मंगा कर ली गयी, जबकि वित्त विभाग के संकल्प 3-2-2011 के आलोक में डेढ़ लाख से अधिक की खरीदारी के लिए समाचार पत्र में निविदा आमंत्रित किया जाना चाहिए था. वित्तीय नियमावली का अनुपालन नहीं कर टैंकर की खरीदारी की गयी.
रिपोर्ट में कहा गया है कि मामले की जांच करनेवाले डीडीसी व अन्य पदाधिकारियों के समक्ष टैंकर आपूर्तिकर्ताओं ने 98,400 से लेकर 98180 रुपये तक का दर अंकित किया, जबकि इन्ही आपूर्तिकर्ताओं ने निविदा के क्रम में 1,78,000 से 1,81,150 रुपये तक का दर अंकित किया. वहीं पंचायतों में 1,75200 से 1,80,576 रुपये में टैकर की खरीदारी की गयी. डीसी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि सामान्य परिप्रेक्ष्य में सभी पंचायत कर्मी की मंशा गलत नहीं रही होगी, पर कुछ मुखिया, पंचायत सेवक व आपूर्तिकर्ता के संबंध में जांच के बाद यथोचित कार्रवाई की जा सकती है.
साथ ही कहा गया है कि आपूर्तिकर्ताओं ने आपस में मिलीभगत कर ऊंचा दर कोटेशन में अंकित किया. आपूर्तिकर्ताओं के मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं है कि सभी कोटेशन तथ्य से परे एक समान दर पर हो. पूरे मामले में आपूर्तिकर्ताओं के साथ कुछ मुखिया, पंचायत सेवकों की मिलीभगत रही होगी. ऐसे में वित्तीय नियमों के उल्लंघन के लिए कार्रवाई की जा सकती है.
जहां तक बात भ्रष्टाचार की है तो इसको लेकर विस्तृत जांच की जरूरत है. रिपोर्ट में सभी आपूर्तिकर्ताओं, मुखिया, पंचायत सेवकों से अधिक भुगतान की गयी राशि का आकलन कर वसूली करने, उचित कार्रवाई को लेकर निर्णय लेने, संबंधित आपूर्तिकर्ता को काली सूची में दर्ज करते हुए भविष्य में सकारी कार्यालयों में आपूर्ति के लिए अयोग्य करार दिए जाने की अनुशंसा की गयी है.
नौ मुखिया व पांच पंचायत सेवक ने नहीं दिया स्पष्टीकरण का जवाब
टैंकर खरीद में गड़बड़ी के मामले में संदेह के घेरे में आये कुल 91 मुखियाओं व पंचायतसेवकों से स्पष्टीकरण मांगा गया था, पर तय तिथि के अंदर तक नौ पंचायत के मुखिया व पांच पंचायत सेवक ने अपना स्पष्टीकरण नहीं सौंपा. स्पष्टीकरण का जवाब नहीं देनेवाले मुखिया में सतगावां के बासोडीह, नावाडीह, टेहरो, कोठियार, अंबाबाद, जयनगर के योगियाटिल्हा, डोमचांच पूर्वी, महथाडीह, बेहराडीह के शामिल हैं, जबकि पांच पंचायत सेवकों में कोडरमा के करमा, डुमरडीहा, सतगावां के माधोपुर, नावाडीह, डोमचांच के महथाडीह के पंचायत सेवक शामिल हैं. वहीं दूसरी तरफ जवाब देने वाले अधिकतर मुखिया ने प्रशिक्षण के अभाव में वित्तीय सीमा का पता नहीं होने व आपूर्तिकर्ता के द्वारा दिग भ्रमित करने की सफाई दी है.

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