खूंटी. स्थानीय करम अखड़ा में रविवार को आदिवासी समन्वय समिति और विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक पड़हा राजा मंगल सिंह मुंडा की अध्यक्षता में की गयी. बैठक में कुरमी-कुड़मियों द्वारा भारत के संविधान में एसटी सूची में शामिल होने की मांग को लेकर विचार-विमर्श किया गया. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि कुछ तथाकथित राजनीतिक पार्टियों के द्वारा खुला समर्थन देने के कारण मूल आदिवासी समाज और कुर्मी-कुड़मियों के बीच सीधा टकराव की स्थिति बन गयी है. यह अमन पसंद और प्रदेश और समाज के लिए उचित नहीं है. झारखंड के मूल आदिवासियों में आक्रोश और हक अधिकार के प्रति असुरक्षा महसूस किया जा रहा है. इसे लेकर स्थानीय कचहरी मैदान में 14 अक्टूबर को प्रतिकार आक्रोश रैली निकाले जाने का निर्णय लिया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए एक आयोजन समिति का गठन किया गया. जिसमें अध्यक्ष चंद्र प्रभात मुंडा, उपाध्यक्ष बासिंह मुंडा, मोसो नाग, सुरजू हस्सा, चोंगे भेंगरा, मसीह भेंगरा, विजय संगा, सोमा मुंडा, बिरतुस ओड़ेया, चंद्रसाय शोले, जॉनसन होरो, सचिव राजेन कुजूर और सह सचिव बिनसय मुंडा, कोषाध्यक्ष अमन तोपनो, संरक्षक पड़हा राजा मंगल सिंह मुंडा, पड़ाह राजा सोमा मुंड़ा, पड़हा राजा दाउद मुंडू, आंद्रियास पुर्ती, दुर्गावती ओड़ेया, मरसल बारला, मसीह चरण पुर्ती, दुबराज मुंडा, बसंत कंडीर, राजेन हस्सा पुर्ती, रोहित सुरेन, कंचन होरो, हेमंत तोपनो सहित अन्य शामिल हैं.
आदिवासी समन्वय समिति और विभिन्न आदिवासी संगठनों की बैठक लिया गया
निर्णयB
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