खूंटी. भाई-बहन के प्रेम और प्रकृति पर्व करम पर्व जिले में धूमधाम से मनाया गया. कई जगहों पर बुधवार को पूरी रात पूजा और सांस्कृतिक कार्यक्रम चलता रहा. गुरुवार की सुबह विभिन्न नदी और तालाब में करम को विसर्जित कर दिया गया. इसी के साथ करम महोत्सव का समापन हो गया. सरना धर्म सोतोः समिति केंद्र डौगड़ा में करम पर्व हर्षाेल्लास के साथ मना. इस अवसर पर धर्मगुरु बगरय ओड़ेया और धर्मगुरु भैयाराम ओड़ेया की अगुवाई में पूजा-पाठ कर सुख, शांति और खुशहाली की कामना की गयी. धर्मगुरु सोमा कंडीर ने करम कहानी के माध्यम से कहा कि करम न केवल एक त्योहार है, बल्कि यह जीवन को समृद्ध बनाने का अवसर है. अपने कर्मों के प्रति आत्म चिंतन-मनन करने का दिन है. यह अपनी गलतियों को सुधार कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है और समाज में प्रेम व भाईचारा का पैगाम स्थापित करता है. इससे समाज से ऊंच-नीच, लोभ, लालच व अहंकार जैसे बुराइयां दूर होती हैं. इस अवसर पर बिरसा कंडीर, मंगा ओड़ेया, सुखराम पुर्ती, सुगना पहान, टुटी ओड़ेया, नरनसिंह तोपनो, मधियाना धान, जीतनाथ पहान, बुधराम मुंडा के साथ क्षेत्र के गणमान्य लोग शामिल हुए.
जोजोटोली अखड़ा में करम महोत्सव का आयोजन
खूंटी के जोजो टोली अखड़ा में सार्वजनिक करम पूजा महोत्सव आयोजित किया गया. जहां करम डाली और जावा फूल स्थापित कर पूजा की गयी. इसके बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमें आस-पास के गांवों के सैंकड़ों महिला-पुरुष करम गीतों के धुन पर रात भर थिरके. गुरुवार को सुबह राजा तालाब में भक्ति एवं श्रद्धा के साथ करम डाली का विसर्जन किया गया. इस अवसर पर सुगुन दास मुंडा, सुभासिनी पुर्ती, मथुरा कंडीर, मदन मोहन मिश्रा, योगेस वर्मा, विश्राम टुटी, गोमा तोपनो, आनंद तिड़ू, फागु मुंडा, वीणा तिर्की, तुलसी तोपनो आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे.
देर रात तक करम महोत्सव में डूबे रहे लोगB
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