अबतक 54 किसानों पर प्राथमिकी और 83 लोग भेजे गये हैं जेल
प्रतिनिधि, खूंटीजिले में अफीम की खेती के खिलाफ जिला प्रशासन और पुलिस बेहद सख्ती से कार्रवाई कर रही है. इस वर्ष अधिक मात्रा में अफीम की खेती की गयी है. वहीं कार्रवाई भी बड़े पैमाने पर की गयी है. अब तक जिले में अफीम की दस हजार एकड़ से अधिक की फसल को नष्ट किया जा चुका है. पुलिस के आंकड़ों के अनुसार इस बार अब तक 10 हजार 200 एकड़ में लगायी गयी अफीम की फसल को नष्ट किया गया है. वहीं, जागरुकता अभियान से प्रेरित होकर और कार्रवाई के भय से ग्रामीणों ने स्वयं 850 एकड़ में लगी फसल को नष्ट किया. खूंटी जिले में इससे पहले कभी इतनी बड़ी मात्रा में कार्रवाई नहीं हुई है. अफीम की फसल नष्ट करने के लिए पुलिस मुख्यालय से अतिरिक्त बल प्रदान किया गया. अनुमान के अनुसार जिले में लगभग एक हजार की संख्या में पुलिस बल को लगाया गया. इसके अलावा 40 से अधिक ट्रैक्टर को भी लगाया गया है. अफीम की खेती करने के आरोप में पुलिस ने अलग-अलग थानों में कुल 54 प्राथमिकी दर्ज की है. इसमें कुल 83 लोग जेल भेजे जा चुके हैं. इसमें भी ज्यादातर लोग अफीम की खेत में काम करने अथवा खेती करने के आरोप में पकड़े गये हैं.अब तक तीन ग्राम प्रधान भी गये जेल
अफीम की खेती करने के आरोप में पुलिस ने तीन ग्राम प्रधान को पकड़कर जेल भेज चुकी है. इसके तहत 11 जनवरी को सायको थाना क्षेत्र के रोंगो गांव के ग्राम प्रधान सिमोन नाग को और 13 जनवरी को अड़की के बाड़ीनिजकेल के ग्राम प्रधान गुरुदेव नाग को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. अब शुक्रवार को अड़की के गुरबेड़ा के ग्राम प्रधान गुरुदयाल सिंह मुंडा को पुलिस ने जेल भेजा है.अभी भी बड़ी संख्या में बची है अफीम की फसल
जिला प्रशासन और पुलिस की लगातार कार्रवाई के बावजूद अभी भी जिले में अफीम की फसल बड़ी मात्रा में बची हुई है. एक अनुमान के अनुसार अब तक 75 फीसदी ही अफीम की खेती नष्ट की गयी है. 25 फीसदी के करीब अफीम की खेती बची हुई है. बची हुई फसल में चीरा लगाकर अफीम भी निकाला जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है