प्रखंड में 650 मिट्रिक टन आम के उत्पादन का है अनुमान
प्रतिनिधि, तोरपाआम के पौधों पर मंजर आ गया है. आम के पेड़ पर लहलाहाते आम के मंजरों को देख किसानों के चेहरे खिल उठे हैं. उन्हें उम्मीद है इस वर्ष आम की अच्छी पैदावार होगी. प्रदान संस्था के रवि रंजन व राजू बताते हैं कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा और मौसम ने साथ दिया तो इस वर्ष प्रखंड में 650 मिट्रिक टन से ज्यादा आम का उत्पादन होने की संभावना है. आम की टहनियों पर लदे मंजर भी इस बात का एहसास करा रहे हैं कि इस बार आम के अच्छे उत्पादन की संभावना है. तोरपा प्रखंड आम के उत्पादन में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है. यहां पर पारंपरिक ढंग से आम का उत्पादन तो होता है. साथ ही हजारों एकड़ में व्यवस्थित ढंग से आम की बागवानी की गयी है जहां कई वेराइटी के आम का उत्पादन होता है. आम्रपाली, मालदा, दशहरी, मलिका के अलावा बीजू आम का उत्पादन काफी मात्रा में होता है. गांव के किसान कहते हैं कि समय से बारिश हो जाए, तो प्रखंड में बीजू आम का रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है. उनका कहना है कि यदि कुछ दिनों में बारिश नहीं होती है, तो आम के मंजर सूख सकते हैं. साथ ही मधुआ रोग का प्रकोप हो सकता है और इसका सीधा असर आम के उत्पादन पर पड़ेगा.
कई जिलों के व्यापारी आते हैं तोरपा :
तोरपा में उत्पादित आम की बिक्री खूंटी सहित कई जिलों में होती है. खूंटी के अलावा रांची, बोकारो, जमशेदपुर आदि जगहों के व्यापारी यहां आकर आम की खरीद करते हैं. झारखंड के पड़ोसी राज्य ओडिशा से भी व्यापारी यहां आकर आम की खरीद करते हैं.1850 एकड़ में लगा है आम का बगान :
बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत तोरपा प्रखंड के लगभग चार हजार किसान आम की खेती करते हैं. इस योजना के तहत 1850 एकड़ से ज्यादा भूमि पर आम की बागवानी की गयी है.आय वृद्धि का अतिरिक्त साधन है आम : बीडीओ
बीडीओ नवीन चंद्र झा कहते हैं कि बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत की गयी आम बागवानी किसानों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है. यह किसानों की आय वृद्धि में सहायक साबित हो रहा है. उन्होंने कहा कि क्षेत्र भ्रमण के दौरान उन्होंने देखा कि आम बागवानी से कई किसानों की जिंदगी बदली है. यह किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान कर रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है