बुंडू. रांची-टाटा राष्ट्रीय मार्ग पर बुंडू के डमारी मोड़ के समीप एनएचएआई ने शीतल बीद से फोरलेन के लिए 19 डिसमिल जमीन अधिग्रहण किया, लेकिन उसका मुआवजा नहीं दिया. यह मामला वर्ष 2012 का है. शीतल बीद रांची स्थित एनएचएआइ का कार्यालय दौड़ लगा कर थक गया. लेकिन मुआवजा नहीं मिला. थक हार कर श्री बीद ने मुआवजे की मांग को लेकर हाइकोर्ट में एक शिकायतवाद दर्ज कराया है. मामले में उच्च न्यायालय ने उपायुक्त रांची मंजू नाथ भजंत्री से जबाब तलब किया है. इसी क्रम में उपायुक्त ने शनिवार को बुंडू आकर वस्तुस्थिति की जानकारी लेकर श्री बीद का पक्ष भी जाना. बीद ने उपायुक्त को बताया कि उसकी जमीन रांची-टाटा मार्ग 33 के दोनों ओर है. वर्तमान में प्लाॅट नंबर 490 में 12 डिसमिल और 491 में 07 डिसमिल कुल 19 डिसमिल भूमि रांची टाटा फोरलेन के लिए एनएचएआइ ने उनसे अधिग्रहण किया गया. लेकिन मुआवजा नहीं दिया गया. इधर एनएचएआइ के अधिकारियों ने उपायुक्त को बताया कि उनलोगों ने उनकी जमीन नहीं ली है. दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद उपायुक्त ने एनएचएआइ के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ये क्या कर रहे हो, जो उपायुक्त को रांची का सब काम छोड़ कर बुंडू आना पड़ रहा है. उन्होंने अधिकारियों को कई दिशा-निर्देश देकर रिपोर्ट मांगा. पत्रकारों द्वारा आने का कारण पूछने पर उन्होंने उपरोक्त बातों को ही दोहरा कर पत्रकारों को बताया. मौके पर उनके साथ बुंडू एसडीएम किष्टो कुमार बेसरा, उप समाहर्ता भूमि सुधार छवि बारला, सीओ हंस हेम्ब्रोम, डीएसपी ओमप्रकाश, थानेदार इंस्पेक्टर रामकुमार वर्मा सहित कई अधिकारी मौजूद थे.
हाइकोर्ट के आदेश पर बुंडू पहुंचे रांची डीसी, दोनों पक्ष की बातें सुनी
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

