सतीश शर्मा, तोरपा
प्रखंड में प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण कई पर्यटक स्थल हैं, जहां प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में लोग पिकनिक मनाने पहुंचते हैं. तोरपा प्रखंड में पेरवांघाघ तथा पांडुपुरिंग जैसे प्रसिद्ध जलप्रपात के अलावा चंचलाघाघ व सातधारा जैसे पिकनिक स्पॉट हैं, जहां नववर्ष पर बड़ी संख्या लोग पिकनिक का मजा लेने पहुंचते हैं. पेरवां घाघ, पांडुपुरिंग, चंचलाघाघ, सातधारा आदि पिकनिक स्पॉट सैलानियों के स्वागत के लिए तैयार है. इन जगहों पर नवंबर से ही सैलानी आने लगे हैं. पेरवांघाघ : तोरपा प्रखंड के फटका पंचायत में स्थित पेरवांघाघ प्रखंड का प्रमुख पर्यटन स्थल है. जलप्रपात की सुंदरता देखते ही बनती है. हरे भरे जंगलों के बीच कारो नदी पर स्थित यह स्थल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है. जलप्रपात का हारा व साफ पानी इसकी सुंदरता को बढ़ाता है.देसी बोट का मजा ले सकते हैं :
पेरवांघाघ आनेवाले सैलानी बोटिंग का मजा भी ले सकते हैं. पर्यटन मित्रों द्वारा देसी बोट तैयार कर सैलानियों को बोटिंग करायी जाती है. इसके अलावा जलप्रपात को देखने के लिए नदी की दूसरी तरफ जाने के लिए लकड़ी के अस्थायी पुल भी पर्यटक मित्रों की ओर से बनायी जाती है.पांडुपुरिंग :
पांडुपुरिंग जलप्रपात प्रखंड की फटका पंचायत में स्थित है. यह स्थल प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है. पहाड़ों और जंगलों के बीच स्थित यह स्थल पर्यटकों के लिए पिकनिक मनाने की पसंदीदा जगह है. पांडुपुरिंग में छोटे-छोटे झरनों का समूह है, जो इसकी सुंदरता को बढ़ाता है. जलप्रपात के पास झील जैसा नजारा है, जहां पर्यटक नहाने का मजा लेते हैं. नदी के पास बालू का मैदान है, जो इस स्थल को और सुंदर बनाता है. बालू पर लोग बैठ कर यहां की मनोरम छटा का आनंद लेते हैं. बच्चे-बड़े इस बालू पर खेलकूद करते हैं.चंचलाघाघ : सैलानियों की पसंदीदा
तोरपा प्रखंड की तपकारा पंचायत में स्थित है चंचलाघाघ. यह एक बेहतर पिकनिक स्पॉट है. कारो नदी में स्थित यह स्थल जंगल के किनारे है. नदी के बीच बालू व चट्टान का टीला अवस्थित है, जिससे यह स्थल मनोरम लगता है. बालू व चट्टान पर बैठकर लोग यहां की सुंदरता का मजा लेते हैं. यहां पर पानी की गहराइयों का कोई खतरा नहीं होने से ज्यादा संख्या में लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाने पहुंचते हैं.
सात धाराओं का संगम है सातधारा :
तोरपा प्रखंड के उड़ीकेल पंचायत में स्थित सातधारा पिकनिक मनाने वालों का पसंदीदा जगह है. कारो नदी में इस जगह पर नदी सात धाराओं में बंटी है. इसलिए इसका नाम सातधार पड़ा है. यहां चट्टानों के बीच से बहती नदी की धारा इसकी सुंदरता को बढ़ाता है. बालू का टीला व पास बिरता पहाड़ इसको और सुंदर बनाता है. यहां पर पानी कम होने तथा कोई खतरा नहीं होने से बच्चे बड़े बेखौफ होकर पिकनिक मानते हैं.सावधानी बरतें :
पेरवां घाघ एवं पांडुपुरिंग में नदी में कई जगहों पर गहरायी है. अतः पर्यटक नहाते समय इसका ख्याल रखें. गहरायी की ओर नहीं जायें. जलप्रपात के पास फोटो लेने में भी सावधानी बरतें. सेल्फी सुरक्षित जगह से लें.कैसे पहुंचे :
पेरवां घाघ तथा पांडुपुरिंग की दूरी प्रखंड मुख्यालय से लगभग 18 किमी है. तोरपा से तपकारा तथा कालेट होते हुए यहां तक पहुंचा जा सकता है. यहां तक पहुंचने के लिए जंगल के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता है, जो जंगल सफारी का मजा देता है. चंचलाघाघ जाने के लिए तपकारा से कोचा गांव होते हुए जाना होगा. यहां तक जाने के लिए पक्की सड़क बनायी गयीं है. सातधारा की दूरी प्रखंड मुख्यालय से पांच किलोमीटर है, यहां तक तक जाने के लिए तोरपा से डिगरी तथा निचितपुर गांव होते हुए पहुंचा जा सकता है.तोरपा के पिकनिक स्पॉट पर्यटकों को करते हैं आकर्षित
प्रखंड में पेरवांघाघ, पांडुपुरिंग, चंचलाघाघ, सातधारा आदि हैं प्रमुख पर्यटक पिकनिक स्पॉट
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