प्रतिनिधि, खूंटी.
जिले के मालियादा गांव में रविवार को साइबर सुरक्षा को लेकर कार्यशाला आयोजित की गयी. जिसमें बाल कल्याण संघ और साइबर पीस फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में जिले की पहली ग्रामीण साइबर “फर्स्ट रेस्पॉन्डर टीम” तैयार करने की दिशा में पहल शुरू की गयी. लोगों को ट्रैक्टर, बकरी लॉटरी, फर्जी नौकरी कॉल, बैंक खाते से पैसे कटने और गलत वेबसाइट/लिंक के माध्यम से होनेवाली ठगी को रोकने की जानकारी दी गयी. टीम में गांव के वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, जल सहिया, स्वास्थ्य सहिया, किशोर–किशोरियां, शिक्षकों को शामिल किया गया है. इन्हे विशेषज्ञों की टीम ने प्रशिक्षण दिया. जिसमें साइबर ठगी को गांव में तुरंत कैसे पहचाना जाये और पीड़ित परिवार को पहले 15 मिनट के भीतर क्या करना चाहिए की जानकारी दी गयी. कार्यशाला में 1930 हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करने को कहा गया. फर्जी कॉल, लिंक, क्यूआर कोड और यूपीआइ अनुरोध की पहचान, सोशल मीडिया सुरक्षा, पासवर्ड प्रबंधन और डेटा गोपनीयता के बारे में बताया गया. कार्यशाला में साइबर पीस फाउंडेशन के संस्थापक एवं ग्लोबल प्रेसिडेंट विनीत कुमार ने कहा कि आज मोबाइल जितना जरूरी है, उतना ही जरूरी उसकी सुरक्षा है. ग्रामीण परिवार साइबर ठगों के जैसे झांसे में आकर अपनी मेहनत की कमाई गंवा रहे हैं. इसलिए हमारा लक्ष्य है कि हर गांव में प्रशिक्षित ‘फर्स्ट रेस्पॉन्डर टीम’ तैयार हो, जो 10 घंटे के प्रशिक्षण के बाद अपने गांवों को साइबर सुरक्षित बनायें. कार्यशाला में मुरहू प्रखंड प्रमुख एलिस ओड़ेया तथा उपप्रमुख अरुण कुमार साबू ने पहल की सराहना की. कहा कि बाल कल्याण संघ जैसी संस्था साइबर सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय पर गांवों में काम कर रही है. यही अच्छी बात है. संघ की स्टेट हेड शिवानी प्रिया ने कहा कि बच्चे मोबाइल चलाते–चलाते कई बार अनजान लिंक खोल देते हैं, जिससे बच्चे के अभिभावक ठगी का शिकार हो जाते हैं. इससे सावधान रहने की जरूरत है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

