खूंटी. समाहरणालय सभागार में सोमवार को उपायुक्त आर रॉनिटा की अध्यक्षता में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 और नियम, 1995 के तहत अत्याचार से राहत राशि के भुगतान से संबंधित मामलों की समीक्षा बैठक की गयी. इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम का मूल उद्देश्य अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है. किसी भी प्रकार के अत्याचार की स्थिति में शीघ्र न्याय और आर्थिक सहायता सुनिश्चित करना है. उन्होंने दोनों मामलों की विस्तृत समीक्षा की. वहीं राहत राशि के भुगतान करने का निर्देश दिया. पहले मामले में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किए जाने पर उपायुक्त ने अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप 75 प्रतिशत राहत राशि 75 हजार रुपये का भुगतान आवेदक को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया. दूसरे मामले में केवल प्राथमिकी दर्ज होने की स्थिति में 25 प्रतिशत राहत राशि 25 हजार रुपये का भुगतान करने के लिए कहा. उन्होंने बताया कि अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 एवं नियम, 1995 के तहत अत्याचार की स्थिति में पीड़ित को कुल एक लाख की राहत राशि प्रदान करने का प्रावधान है. मौके पर एसपी मनीष टोप्पो, परियोजना निदेशक आइटीडीए आलोक शिकारी कच्छप, जिला कल्याण पदाधिकारी प्रमोद राम सहित अन्य उपस्थित थे.
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