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शौचालय नहीं बना सकते तो जिम्मेवारी से मुक्त हों
खलारी : खलारी में शौचालय बनाने का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना है. जिस पंचायत के जलसहिया, मुखिया में आपसी तालमेल नहीं है, शौचालय नहीं बना सकते तो इस जिम्मेवारी से मुक्त हों. हमारे पास वैकल्पिक उपाय हैं. शौचालय बना लिये जायेंगे. यह बात पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शिशिर कुमार सोरेन […]
खलारी : खलारी में शौचालय बनाने का लक्ष्य हर हाल में पूरा करना है. जिस पंचायत के जलसहिया, मुखिया में आपसी तालमेल नहीं है, शौचालय नहीं बना सकते तो इस जिम्मेवारी से मुक्त हों. हमारे पास वैकल्पिक उपाय हैं. शौचालय बना लिये जायेंगे. यह बात पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के कार्यपालक अभियंता शिशिर कुमार सोरेन ने खलारी में पेयजल स्वच्छता विभाग की समीक्षा बैठक में कही.
उल्लेखनीय है कि जिले में खलारी प्रखंड क्षेत्र को खुले में शौच से मुक्त घोषित करना है. समीक्षा बैठक में प्रखंड के मुखिया, जलसहिया, विभागीय कनीय अभियंता, सहायक अभियंता आदि शामिल थे. कार्यपालक अभियंता सोरेन ने कहा कि पूरे जिले में खलारी ही ऐसा प्रखंड है जहां शौचालय निर्माण के लिए पैसे की कोई कमी नहीं है. इसके बावजूद प्रगति काफी धीमी है.
सहिया और मुखिया शौचालय निर्माण की धीमी गति को लेकर अपनी-अपनी परेशानियां बता रहे थे, लेकिन श्री सोरेन कोई भी दलील सुनने को तैयार नहीं थे. उनका कहना था कि जब पैसा उपलब्ध हो तब शौचालय निर्माण नहीं हो पाना लापरवाही दर्शाता है.
उन्होंने स्पष्ट कहा कि बहानेबाजी से अच्छा है न कहें, विभाग महिला समूह अथवा अन्य व्यवस्था से शौचालय बनवायेगा. श्री सोरेन ने कनीय अभियंता और सहायक अभियंता के कार्यों पर भी असंतोष जताया. उन्होंने लाभुकों से अपील की कि जो भी लाभुक खुद से शौचालय बनवाना चाहते हैं वे विभाग को सूचित कर शौचालय बनवा लें. पैसा उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. इससे पूर्व विभाग के अभियंता विजय कुमार ने बताया कि एक शौचालय के निर्माण मद में सरकार ने 12 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि दे रही है.
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