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क्षेत्र में दर्जन भर कुएं सूखे
क्षेत्र में पानी की किल्लत है. तीन चापानल में सिर्फ एक कारगर है. कुएं सूख चुके हैं. तालाब में भी पानी नहीं है. पानी की कमी से लोग बेहाल हैं. पिपरवार : सीएचपी/सीपीपी व पिपरवार परियोजना से सटे बिलारी गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. टंडवा प्रखंड के बहेरा पंचायत के इस […]
क्षेत्र में पानी की किल्लत है. तीन चापानल में सिर्फ एक कारगर है. कुएं सूख चुके हैं. तालाब में भी पानी नहीं है. पानी की कमी से लोग बेहाल हैं.
पिपरवार : सीएचपी/सीपीपी व पिपरवार परियोजना से सटे बिलारी गांव में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है. टंडवा प्रखंड के बहेरा पंचायत के इस गांव की आबादी लगभग छह हजार है. गांव का तालाब पूरी तरह सूख चुका है. विस्थापितों के इस गांव में कई टोले हैं. दर्जनों कुएं व चापानल होने के बावजूद पानी का संकट गहरा गया है. ठाकुर टोला के तीनों कुएं सूख गये हैं.
तीन चापानल में सिर्फ एक कारगर है. मुंडा टोला के दोनों कुओं में पानी नहीं है. हरिजन टोला के चार कुओं में तीन सूख चुके हैं. एकमात्र चापानल लोगों की प्यास बुझा रहा है. महतो टोला का चापानल खराब है. पांच कुओं में दो पूरी तरह सूख गये हैं. तीन कुओं में बहुत कम पानी है, जो एक सप्ताह भी चलने लायक नहीं है. गांव में पानी की किल्लत से लोग परेशान हैं. पीने के लिए पानी का जुगाड़ जैसे-तैसे कर रहे हैं. जिन्होंने पानी की वैकल्पिक व्यवस्था कर ली है वे दूसरों को पानी देने से कतराने लगे हैं. कृषक परिवारों को मवेशियों के लिए पानी नहीं मिल रहा है.
ग्रामीण दिनभर पिपरवार वाशरी का धूल फांकने को मजबूर हैं. जैसे-तैसे पीने का पानी का जुगाड़ करनेवालों के लिए नहाना-धोना भी मुश्किल हो गया है. सीसीएल के कमांड एरिया में होने के बावजूद ग्रामीणों को राहत नहीं मिल रहा है. इस संबंध में सीएचपी/सीपीपी परियोजना पीओ डीसी त्रिपाठी का कहना है कि ग्रामीणों से इस संबंध में आवेदन मिलने पर ग्रामीणों की हरसंभव की जायेगी.
खलारी : अप्रैल माह में ही बढ़ रही भीषण गरमी से खलारी कोयलांचल का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. बुधवार को खलारी कोयलांचल का तापमान 44 डिग्री सेलसियस रहा. दोपहर एनके एरिया के माइंस रेस्क्यू विभाग द्वारा इस बात की पुष्टि की गयी.
एनके एरिया में गरमी से आम जनजीवन बेहाल है. कोयलांचल में सुबह नौ बजे से ही तेज गरमी का अहसास होने लग रहा है. सूर्य का ताप लोगों को घर में सिमटने पर मजबूर कर रहा है. प्र्रचंड गरमी के चलते सुबह 10 बजे ही लोग अपने घरों में सिमट जाने को मजबूर हो जा रहे हैं. गरमी के कारण केडी बाजार सहित अन्य बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रह रहा है. वहीं गरमी के कारण स्कूली बच्चों को भी काफी परेशानी हो रही है. इसके अलावे सीसीएल के कोयला खदानों में काम करनेवाले कोयला मजदूर इस प्रचंड गरमी से खासे परेशान हैं.
प्रचंड गरमी के कारण कोयलांचल के अधिकांश नदी, तालाब, कुएं सूख गये हैं. नदी नाले का पानी सूखने से पशु पक्षियों की जान पर आफत आ गयी है. पशु पालकों का कहना है कि पानी की कमी के चलते पशुओं को खिलाने-पिलाने में परेशानी हो रही है. खलारी प्रखंड के बीडीओ रोहित सिंह ने कहा है कि क्षेत्र के खराब चापानलों की मरम्मत युद्धस्तर पर पीएचइडी विभाग द्वारा करवाया जा रहा है.
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