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बाजार में शौचालय नहीं, महिलाओं को परेशानी

इचाक : प्रखंड का इचाक बाजार इलाके का सबसे महत्वपूर्ण बाजार है. इस बाजार में दूर-दराज से व्यापारी समेत अन्य लोग पहुंचते हैं. वहीं क्षेत्र के 98 गांवों के लोग अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी करने पहुंचते है, लेकिन इचाक बाजार में एक भी शौचालय नहीं है, ताकि लोगों को सुविधा मिल पाये. इतना […]

इचाक : प्रखंड का इचाक बाजार इलाके का सबसे महत्वपूर्ण बाजार है. इस बाजार में दूर-दराज से व्यापारी समेत अन्य लोग पहुंचते हैं. वहीं क्षेत्र के 98 गांवों के लोग अपनी जरूरत के सामानों की खरीदारी करने पहुंचते है, लेकिन इचाक बाजार में एक भी शौचालय नहीं है, ताकि लोगों को सुविधा मिल पाये. इतना ही नहीं प्रखंड का दो तिहाई गांव का मुख्य मार्ग भी इचाक बाजार से ही होकर जाता है.
बाजार में आनेवाले पुरुष किसी तरह राजा बंगला में घुस कर लघुशंका तो कर लेते है, पर शौच के लिए उन्हें पास के तालाब के किनारे ही जाना पड़ता है. महिलाओं को यहां काफी परेशानी होती है. स्थानीय लोगों के अनुसार प्रत्येक दिन सब्जी बेचने के लिये गांव की महिलाएं इचाक बाजार पहुंचती हैं.
शौचालय नहीं होने के कारण उन्हें परेशानी होती है. स्थानीय जनप्रतिनिधि को यह मालूम है, लेकिन इसके बाद भी इनकी ओर से कभी गंभीरता नहीं बरती गयी. ज्ञात हो कि स्वच्छता अभियान के तहत सरकार ने घर-घर व सार्वजनिक स्थलों पर शौचालय बनाने की बात कही है, लेकिन अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों ने इचाक बाजार को हमेशा से ही उपेक्षित रखा.
सांसद ने परासी पंचायत को लिया है गोद
इचाक बाजार परासी पंचायत में है. इस पंचायत को स्थानीय सांसद रविंद्र राय ने गोद लेने की घोषणा 15 अगस्त 2015 को की थी. इस वर्ष जनवरी में सांसद ने उपायुक्त समेत जिले के अधिकारियों के साथ मुख्यालय में बैठक कर परासी पंचायत को मॉडल बनाने की मुहिम शुरू करने का निर्देश दिया. बैठक में कई निर्णय लिये गये, लेकिन तीन माह बाद भी शौचालय व पेयजल की व्यवस्था करने का काम शुरू नहीं हो सका है.
क्या कहते हैं लोग
व्यवसायी अजीत कुमार, राजा सिन्हा, रमेश गुप्ता, उमाशंकर, मंजीत कुमार आदि के अनुसार शौचालय नहीं रहने से उन्हें परेशानी होती है. वहीं सब्जी बेचनेवाली रेशमी देवी, आरती देवी, गीता देवी, संगीता देवी व गौरी देवी ने कहा कि उन्हें अाये दिन शौचालय नहीं रहने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

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