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युवाओं पर असर, पुलिस नींद में
केरेडारी : केरेडारी प्रखंड में महुआ शराब बनाने का धंधा जोरो से चल रहा है. पुलिस की लापरवाही से शराबखोरी का अवैध धंधा फल-फूल रहा है. केरेडारी प्रखंड में हजारों लीटर महुआ शराब प्रतिदिन बनाया जाता है, जिसका प्रभाव प्रखंड के 15 -16 वर्ष के बच्चों समेत युवा से लेकर बुजुर्ग तक के लोग नशाखोरी […]
केरेडारी : केरेडारी प्रखंड में महुआ शराब बनाने का धंधा जोरो से चल रहा है. पुलिस की लापरवाही से शराबखोरी का अवैध धंधा फल-फूल रहा है. केरेडारी प्रखंड में हजारों लीटर महुआ शराब प्रतिदिन बनाया जाता है, जिसका प्रभाव प्रखंड के 15 -16 वर्ष के बच्चों समेत युवा से लेकर बुजुर्ग तक के लोग नशाखोरी में उतर आये हैं.
युवा वर्ग दिन रात होते ही शराब में सराबोर रहते हैं, जिससे समाज पर दुष्प्रभाव पड़ रहा है. नशाखोरी के कारण पारिवारिक विवाद, मारपीट, हत्या और महिला प्रताड़ना की घटनाएं हो रही है. इसका सबसे बड़ा प्रभाव दैनिक मजदूरों पर पड़ रहा है. शराब के कारण कई घरों में चूल्हे तक नहीं जल रहे हैं. केरेडारी मुख्य चौक से बेल चौक तक शराबियों का अड्डा जमता है. देर रात तक आसपास के होटलों में शराबी शराब पीते नजर आते हैं. शराब के कारण यहां प्रत्येक दिन मारपीट घटना होती है. पारिवारिक विवाद भी होता है.
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