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सहायक अभियंता को कौन बचा रहा है
सिस्टम से भी पावरफूल हैं इंजीनियर उमेश, तबादला आदेश तक को नहीं माना मंत्री व सचिव को भी है जानकारी, 2000 करोड़ के टेंडर को लेकर हो रहा है खेल रांची : ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत उमेश कुमार सिस्टम से भी ज्यादा पावरफूल हैं. सरकार […]
सिस्टम से भी पावरफूल हैं इंजीनियर उमेश, तबादला आदेश तक को नहीं माना
मंत्री व सचिव को भी है जानकारी, 2000 करोड़ के टेंडर को लेकर हो रहा है खेल
रांची : ग्रामीण कार्य विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय में सहायक अभियंता के रूप में कार्यरत उमेश कुमार सिस्टम से भी ज्यादा पावरफूल हैं. सरकार ने उनका तबादला सितंबर माह में ही कर दिया था. पथ निर्माण विभाग ने उन्हें ग्रामीण कार्य विभाग से लेकर पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में पदस्थापित किया था, लेकिन उन्होंने अभी तक पद नहीं छोड़ा. आज भी वे मुख्य अभियंता कार्यालय में जमे हैं और पूरे दिन टेंडर निष्पादन में लगे रहते हैं. इस कार्यालय से उन्हें विरमित नहीं किया जा रहा है. उनकी पहुंच ऊपर तक है. इस वजह से मंत्री व सचिव को जानकारी होने के बाद भी इस मामले में कुछ नहीं हो पा रहा है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर कौन इन्हें बचा रहा है. किसके संरक्षण पर यहां जमे हुए हैं.
2000 करोड़ के टेंडर पर नजर
उमेश करीब छह साल से चीफ इंजीनियर कार्यालय में हैं. बीच में कुछ समय के लिए हटे थे, फिर आ गये. टेंडर निष्पादन में उनकी भूमिका अहम रही है. ऊपर के अभियंता भी इन पर निर्भर करते रहे हैं. फिलहाल 2000 करोड़ रुपये की योजनाअों का टेंडर निकाला गया था. दो माह से भी कम समय में करीब एक हजार करोड़ रुपये का टेंडर निष्पादन हो गया है, जबकि एक हजार करोड़ रुपये का टेंडर निष्पादन के लिए रोज सेटिंग हो रही है.
दरबार लगता है एइ के पास
टेंडर का नाम आते ही हर ठेकेदार को इस इंजीनियर का नाम याद आता है. इनके पास ठेकेदारों का दरबार लग रहा है.चर्चा तो यह भी है कि अॉन लाइन टेंडर होने के बावजूद इन लोगों के इशारे पर पसंदीदा ठेकेदारों को ही बढ़िया काम मिल रहा है.
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