नाला. प्रखंड के बड़ाघोलजोड़ के टोला-जानुमडीह, हिसाकबेडा में सोमवार को ग्रामीणों की हुई. बैठक में आदिवासी समाज के विभिन्न समस्याओं, समाज में अब तक पिछड़ेपन के कारण, शिक्षा एवं आर्थिक रूप से पिछड़ेपन होने के कारणों पर चर्चा की गयी. इस क्रम में कई बातें सामने उभर कर आया. बताया गया कि इन सब समस्याओं के मूल में नशा का सेवन है, जब तक आदिवासी समाज नशा से दूर नहीं होगा तब तक समुचित विकास संभव नहीं है. विकसित समाज निर्माण के लिए आदिवासी युवाओं को आगे आना होगा. समाज के लोगों को जागृत करना होगा. लोग जब इसका दुष्प्रभाव भली-भांति समझ जाएंगे तो नशामुक्त समाज निर्माण में आसानी होगा. गांव वालों ने यह निर्णय लिया कि समाज में दारू बंद होना चाहिए. मौके पर महिलाओं ने भी अपनी समस्याओं को गांव में रखा. इस निर्णय का स्वागत किया. सभी लोगों ने बैठकर निर्णय लिया कि दारू, हड़िया बंद होना चाहिए, तभी आदिवासी समाज का कल्याण हो सकता है. मौके पर नायकी उकिल हांसदा, जोग मांझी शिवलाल टुडू, पाराणिक जोहन हांसदा, मांझी रूपधन टुडू, जोक पाराणिक किशन हांसदा, लासेर साल महेश्वर मरांडी, भोदो जयश्वर हांसदा, कुड़ाम नायकी सोनातान टुडू, गोड़ेत अभिलास हांसदा, मिठुन टुडू, सत्यनारायण मरांडी समेत गांव के लोग मौजूद थे.
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