बिंदापाथर. बड़वा गांव में श्रीमद्भागवत कथा के पंचम दिन वृंदावन धाम के कथावाचक महेशाचार्य जी महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा में भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीला एवं गोवर्धन पर्वत लीला प्रसंग का मधुर वर्णन किया. कथावाचक ने कहा भगवान श्रीकृष्ण ने गृह लीलाएं तब की जब वे मात्र छह दिन के थे. चतुर्दशी के दिन पूतना आयी, जब भगवान तीन माह के हुए तो करवट उत्सव मनाया गया तभी शकटासुर आया. भगवान ने संकट भंजन करके उस राक्षस का उद्धार किया. इसी तरह बाल लीलाएं, माखन चोरी लीला, ऊखल बंधन लीला, यमलार्जुन का उद्धार आदि दिव्य लीलाएं की हैं. श्रीकृष्ण की प्रत्येक लीला दिव्य है और हर लीला का महत्व आध्यात्मिक है. कथा प्रसंग के साथ साथ भजन संगीत प्रस्तुत भी प्रस्तुत किया गया, जिससे उपस्थित श्रोता भक्त भावविभोर होकर कथा स्थल पर भक्तिरस में घंटों गोते लगाते रहे.
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