फतेहपुर. प्रखंड के कालीपाथर गांव में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा महायज्ञ का शुभारंभ श्रद्धा और भक्ति से हुआ. नवद्वीप के कथावाचक गिरिधारी लाल गोस्वामी महाराज ने श्रीमद्भागवत महापुराण की महत्ता पर विस्तार से प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला है, जो व्यक्ति को सत्य, प्रेम और भक्ति की राह पर अग्रसर करती है. कथा के दौरान उन्होंने राजा परीक्षित और ऋषि शमीक की कथा सुनाई, जिसमें राजा परीक्षित द्वारा ध्यानमग्न ऋषि के गले में मृत सर्प डालने के पश्चात मिले श्राप और उसके निवारण के लिए किए गए श्रीमद्भागवत श्रवण की चर्चा की. कथा के बीच-बीच में गोस्वामी महाराज ने मधुर भजनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध कर दिया. भगवान श्रीकृष्ण के भजनों पर श्रोता झूमते नजर आए. यह भागवत कथा महायज्ञ प्रतिदिन शाम 6:30 बजे से रात 10:30 बजे तक आयोजित की जा रही है और इसका समापन 15 अप्रैल को होगा. आगामी दिनों में गोस्वामी महाराज भगवान के विभिन्न अवतारों जैसे वामन, नरसिंह, राम और कृष्ण अवतारों की लीलाओं और उनके धरती पर अवतरण के उद्देश्यों पर प्रकाश डालेंगे. कथा में न केवल फतेहपुर प्रखंड के लोग, बल्कि सीमावर्ती मसलिया प्रखंड से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं.
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