प्रतिनिधि, नाला. भाजपा नाला प्रखंड इकाई ने सूर्या हांसदा की एनकाउंटर के विरोध में प्रखंड सह अंचल कार्यालय के समीप एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन किया. इसका नेतृत्व पूर्व कृषि मंत्री सत्यानंद झा बाटुल ने किया, जबकि मंच का संचालन राम सिंह यादव ने किया. इससे पूर्व नाला आम बागान चौक से हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रखंड कार्यालय पहुंचे. सत्यानंद झा ने कहा कि सूर्या हांसदा एक आदिवासी युवा थे, जो समाज के छोटे-छोटे गरीब बच्चों को पढ़ाते थे. वह हमेशा बालू, कोयला, पत्थर माफियाओं के खिलाफ आवाज उठाते थे, जो सरकार को रास नहीं आयी. पुलिस अपनी नाकामी छिपाने के लिए फर्जी एनकाउंटर दिखाकर सूर्या हांसदा की हत्या कर दी. उन्होंने आदिवासी भाइयों की ओर से इशारा करते हुए कहा कि सूबे में आदिवासी मुख्यमंत्री रहते आदिवासी ही सुरक्षित नहीं है, जो सोचने समझने वाली बात है. नगड़ी पर कहा, सूबे के स्वास्थ्य मंत्री द्वारा आदिवासियों के खेती लायक जमीन पर रिम्स-टू बनाने का प्रस्ताव है. इसका विरोध करने पर आदिवासियों पर लाठीचार्ज होता है और आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं, जो दुर्भाग्यपूर्ण है. आदिवासी को हितैषी बताने वाली सरकार आदिवासियों को ही उजाड़ने पर तुली है. जिला उपाध्यक्ष रंजीत तिवारी ने कहा कि भाजपा के कार्यकर्ता कमजोर नहीं है. भाजपा कार्यालय उखाड़ना तो दूर एक खूंटा उखाड़कर देख लें, तब इरफान अंसारी को पता चलेगा कि भाजपा कैसी पार्टी है. पंचायत से लेकर प्रखंड एवं जिला स्तर पर भ्रष्टाचार चरम पर है. इस धरना-प्रदर्शन के माध्यम से भाजपाइयों ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. इसे लेकर प्रतिनिधिमंडल ने बीडीओ के माध्यम से राज्यपाल के नाम मांग-पत्र सौंपा. मौके पर सूरज झा, नाला के पूर्व मंडल अध्यक्ष जीतेन राउत, सुकुमुनी हेंब्रम, गौरा चांद मंडल, भोला सिंह आदि मौजूद थे.
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