नाला. कुलडंगाल गांव के जयदेव बाबा के घर में सात दिवसीय भागवत कथा ज्ञान यज्ञ अनुष्ठान हुआ. कथावाचक सुशील चक्रवर्ती ने भागवत कथा के महत्व की सप्रसंग व्याख्या की. कथा प्रसंग को मंगलाचरण से प्रारंभ की. कहा कि कलयुग में भागवत कथा श्रवण से जीवों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं. महाराज ने कहा कि सत्कर्म का फल सदैव मीठा होता है. चौरासी लाख योनियों का भ्रमण करने के बाद दुर्लभ मनुष्य जन्म प्राप्त हुआ है. इसलिए मानव जीवन में भगवत भजन में बिताना चाहिए. कथावाचक ने अच्छे एवं बुरे कर्मों की परिणति को विस्तारपूर्वक समझाया. उन्होंने आत्मदेव के पुत्र धुंधकारी और गौमाता के पुत्र गोकर्ण के कर्मों का वृत्तांत समझाया. कहा कि धुंधकारी सच्चे मन से भागवत कथा श्रवण करने के पश्चात निरंतर भगवान की चिंतन करते थे, जिस कारण उन्हें मोक्ष प्राप्त हुआ, जबकि गोकर्ण को ऐसा नहीं हुआ. मनुष्य जब अच्छे कर्मों के लिए आगे बढ़ता है तो सृष्टि के समस्त सकारात्मक शक्ति समाहित हो जाते हैं और कार्य सफल हो जाते हैं. ठीक इसके विपरीत मनुष्य जब बुरे कर्मों के प्रति अग्रसर होते हैं तो समस्त नकारात्मक शक्ति समाहित होता है और उसे बुरा फल ही मिलता है. इसलिए मनुष्य को सदैव सत्संग, सदाचार, सत्कर्म करना चाहिए. बडी संख्या में श्रद्धालु भागवत कथा सुनने के लिए पहुंचे. कथा विश्राम के पश्चात भगवान की आरती व कीर्तन किया गया.
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