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Jamshedpur News : आरक्षित श्रेणी में बच्चों के एडमिशन के दस्तावेजों की जांच पूरी

वर्ष 2020 में एक हिंदी फिल्म आयी थी "अंग्रेजी मीडियम ". जो शिक्षा, पारिवारिक संबंधों और सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद की थीम पर आधारित थी. कुछ इसी प्रकार का वाकया इन दिनों शहर के प्राइवेट स्कूल में एडमिशन को लेकर दिख रहा है.

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शहर के प्राइवेट स्कूलों में 15 अप्रैल से गरीब एवं अभिवंचित श्रेणी के उम्मीदवारों के एडमिशन की फाइल भेजने की प्रक्रिया होगी शुरू 20 अप्रैल तक स्कूलों में भेजी जाएगी आवेदन की फाइल वरीय संवाददाता, जमशेदपुर वर्ष 2020 में एक हिंदी फिल्म आयी थी “अंग्रेजी मीडियम “. जो शिक्षा, पारिवारिक संबंधों और सपनों को पूरा करने की जद्दोजहद की थीम पर आधारित थी. कुछ इसी प्रकार का वाकया इन दिनों शहर के प्राइवेट स्कूल में एडमिशन को लेकर दिख रहा है. अभिभावक अपने बच्चों के एडमिशन के लिए फर्जी दस्तावेज तक बना रहे हैं. जिला शिक्षा विभाग की ओर से विभिन्न विभागों में जांच के लिए भेजे गये सर्टिफिकेटों की जांच पूरी की. जांच रिपोर्ट की अंतिम फाइल तैयार की गयी, जिसमें पाया गया कि शहर के प्राइवेट स्कूलों में गरीब व अभिवंचित वर्ग की सीटों पर एडमिशन के लिए आरक्षित 25 फीसदी सीटों पर किये गये कुल आवेदनों में 218 आवेदन फर्जी थे. अभिभावकों ने फर्जी दस्तावेज तैयार कर बच्चों के एडमिशन के लिए जिला शिक्षा विभाग में आवेदन कर दिया था. जिला शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस बार जिले के प्राइवेट स्कूलों में गरीब एवं अभिवंचित केटेगरी के बच्चों के लिए कुल 1504 सीटें आरक्षित हैं. इन सीटों पर एडमिशन के लिए कुल 3039 बच्चों ने आवेदन किया था. इसके बाद सभी आवेदन पत्रों की जांच करवाई गयी. फर्जी सर्टिफिकेट बनवा कर आवेदन करने वाले का रद्द हुआ आवेदन शहर के 218 लोगों ने अपने बच्चे के एडमिशन के लिए फर्जी सर्टिफिकेट बनवा लिया था. इस प्रकार के सभी आवेदनकर्ताओं के आवेदन रद्द कर दिये गये हैं. फर्जीवाड़ा करने वाले उक्त सभी आवेदकों की एक सूची तैयार की गयी है. इस सूची में जिन अभिभावकों के नाम शामिल हैं, उन पर किस प्रकार से कार्रवाई की जाये, इसे लेकर उपायुक्त के स्तर पर कोई निर्णय लिया जायेगा. गौरतलब है कि फर्जी दस्तावेज तैयार करने के मामले में सरकार की ओर से कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिये गये हैं. एक ही बच्चे का दो तिथि पर बनवा लिया जन्म प्रमाण पत्र जिला शिक्षा विभाग की ओर से करवायी गयी जांच में अभिभावकों द्वारा अजीबो-गरीब कारनामा करने का मामला सामने आया है. आरटीइ सेल द्वारा जांच में पाया गया कि कई ऐसे अभिभावकों ने भी इस साल बीपीएल कोटे की सीट पर एडमिशन के लिए आवेदन दिया है, जिन्होंने पिछले साल भी आवेदन दिया था. हालांकि उसी बच्चे के जन्म की तिथि पिछले साल कुछ अलग थी, लेकिन इस बार जन्म प्रमाण पत्र अलग थी. फोटोशॉप से तैयार कर लिया था फर्जी आय प्रमाण पत्र जिला शिक्षा विभाग की ओर से जांच के क्रम में यह बात सामने आयी कि कई ऐसे भी अभिभावक थे, जिनका वास्तविक आय प्रमाण पत्र सीओ ऑफिस से 75,000 रुपये सालाना आय का प्रमाण पत्र बनाया गया था. लेकिन, फोटोशॉप का इस्तेमाल कर उक्त 75,000 को एडिट कर 72,000 रुपये का बना दिया गया था. इसके साथ ही कई ऐसे भी अभिभावक थे, जिन्होंने दूसरे के 72,000 रुपये सालाना आय प्रमाण पत्र पर अंकित नाम को एडिट कर अपना नाम लिख दिया. फर्जी आय प्रमाण पत्र के करीब 150 प्रमाण बनवा कर जमा कर दिया गया. वहीं, करीब 70 बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र में हेर-फेर कर आवेदन पत्र को जमा किया गया था. 15 अप्रैल तक होगी लॉटरी जिला शिक्षा विभाग की ओर से तय की गयी है कि सभी आवेदन पत्रों की गहनता से जांच के बाद लॉटरी की प्रक्रिया होगी. कारण है कि इस बार भी आरक्षित सीटों की तुलना में लगभग दोगुना फॉर्म जमा हो गए हैं. 15 अप्रैल तक सभी आवेदन पत्रों की लॉटरी होगी. इसके बाद सभी आवेदन पत्रों को स्कूलों के पास भेज दी जाएगी, ताकि 20 अप्रैल तक आरक्षित श्रेणी के बच्चों का एडमिशन सुनिश्चित किया जा सके.

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