Tiger Terror in Dalma: पूर्वी सिंहभूम के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में बाघ की मौजूदगी से ग्रामीणों और पर्यटकों में दहशत है. रविवार रात और सोमवार को दलमा बूढ़ा बाबा शिव मंदिर की गौशाला के बैल को बाघ ने अपना शिकार बनाया. गौशाला की देख-रेख करने वाले झाजल बाबा ने घटना की जानकारी मंदिर प्रबंधन को दी. इसके बाद वन विभाग ने सुरक्षा उपायों के तहत उस क्षेत्र में पर्यटकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है. साथ ही ग्रामीणों और पर्यटकों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है.
दिसंबर से दलमा में घूम रहा है बाघ
बाघ दिसंबर 2024 से लगातार दलमा जंगल में घूम रहा है. अब तक मंदिर की गौशाला की 5 से 6 गायों का शिकार कर चुका है. आश्रम के साधु-संत और ग्रामीणों में इससे भय का माहौल है. दलमा के डीएफओ सबा आलम अंसारी ने बाघ की मौजूदगी की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि यह बाघ की प्रवृत्ति है.
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डीएफओ बोले- लोगों को सावधानी बरतने की दी है हिदायत
डीएफओ ने कहा कि वन विभाग स्थिति पर नजर बनाये हुए है और टकराव से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है. स्थानीय ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है. जंगल में जाने वालों को सावधानी बरतने की हिदायत दी गयी है.
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बंगाल होते हुए वापस दलमा लौटा था बाघ
चांडिल और चौका के बीच जंगल में 31 दिसंबर 2024 को बाघ के होने की पुष्टि की गयी थी. इसके बाद से यह बाघ बंगाल होते हुए वापस दलमा पहुंचा और कैमरों में इसकी गतिविधियां दर्ज हुईं हैं. वन विभाग ग्रामीणों के साथ समन्वय बनाकर निगरानी बढ़ा रहा है.
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