पुलिस का जब्ती गवाह कोर्ट में मुकरा, कहा- थाना गया था वेरिफिकेशन कराने, तो पुलिस ने बना दिया गवाह
गवाह नहीं बनने पर वेरिफिकेशन नहीं करने की पुलिस ने दी थी चेतावनी
पुलिस ने बरामद किया था पिस्तौल व गोली
Jamshedpur News :
जुगसलाई गौशाला टॉकिज के पास जुगसलाई छपरहिया मोहल्ला निवासी सुजीत कुमार सिंह उर्फ बंटी सिंह पर फायरिंग के मामले में बुधवार को एडीजे छह की अदालत ने आरोपी जुगसलाई पावट मोहल्ला निवासी मनीष सिंह, अभिषेक मित्रा और दीनू को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया. इस मामले में कुल 10 लोगों की गवाही हुई थी. बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रकाश झा और आनंद झा ने कोर्ट में बहस किया था.जानकारी के अनुसार इस केस में पुलिस द्वारा जब्ती सूची के गवाह बनाये गये दीपक कुमार सिंह और अरविंद कुमार कोर्ट में अपने बयान से मुकर गये थे. कोर्ट में दिये बयान में उन्होंने बताया कि हमलोगों का ठेकेदारी का काम चलता है. इसी सिलसिले में 16 जून 2020 को वह अरविंद कुमार के साथ जुगसलाई थाना में वेरिफिकेशन कराने गये थे. वहां पुलिस ने केस का गवाह बनने को कहा. पुलिस ने चेतावनी दी कि अगर वे केस के गवाह नहीं बनेंगे, तो उनका वेरिफिकेशन नहीं किया जायेगा. पुलिस के दबाव में उनलोगों ने हस्ताक्षर किया. जिस वक्त हमलोगों का कागज पर हस्ताक्षर लिया गया, उस वक्त जब्ती सूची नहीं बनी थी. सिर्फ जब्ती सूची का फार्मेट था. उन्होंने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने उनके समक्ष कोई हथियार बरामद नहीं किया था. इसके अलावा जिस स्थल पर पुलिस द्वारा हथियार की बरामदगी बतायी गयी है, वहां मेरी मुलाकात पुलिस से नहीं हुई थी. मनीष सिंह मोहल्ला में रहता है, इसलिए उसे पहचानता था. बाकी दो अन्य को नहीं जानता था. गवाहों के मुकरने के मामले को कोर्ट ने गंभीरता से लिया और तीनों आरोपियों को बरी कर दिया. 14 जून 2020 को जुगसलाई छपरहिया मोहल्ला निवासी सुजीत कुमार सिंह उर्फ बंटी सिंह फायरिंग में घायल हो गया था. सुजीत कुमार सिंह ने जुगसलाई थाना में मनीष सिंह, अभिषेक मित्रा और दीनू के खिलाफ जान मारने की नियत से फायरिंग करने का केस दर्ज कराया था. इस मामले में पुलिस ने तीनों आरोपी को गिरफ्तार किया था.
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