Sendra Festival : दलमा बुरु सेंदरा समिति के आह्वान पर रविवार को पहाड़ के तलहटी गांव में सेंदरा वीरों का जुटान हुआ. रविवार को सुबह आठ बजे के बाद से ही सेंदरा वीरों का दलमा के तलहटी गांव फदलोगोड़ा, आसनबनी, जामडीह, पातीपानी, मिर्जा आदि गांव में आना शुरू हो गया था. देर शाम तक सेंदरा वीरों का आना जारी रहा. दूर-दराज के सेंदरा वीर पहले साइकिल में झूंड बनाकर आते थे. इस बार उनका ट्रेंड बदला है. वे दोपहिया व चार पहिया वाहनों में आते दिखे.

ओडिशा और बंगाल से भी आये हैं सेंदरा वीर
सेंदरा समिति के अनुसार, झारखंड के कोल्हान समेत ओडिशा व बंगाल के दो-तीन हजार सेंदरा वीर शिकार पर्व को खेलने के लिए दलमा पहुंचे हैं. सेंदरा वीर गिपितीज टांडी (विश्राम स्थल) पर रात्रि विश्राम करने के बाद तड़के सुबह शिकार पर्व खेलने के लिए घने जंगल की ओर कूच करेंगे.

दलमा ती तलहटी में मुस्तैद हैं दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम
इधर, दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम पहले से ही दलमा की तलहटी पर मुस्तैद हैं. वे सेंदरा वीरों का पल-पल की जानकारी ले रहे हैं. राकेश हेम्ब्रम ने कहा कि सेंदरा वीरों के सहयोग के लिए विभिन्न चेकनाका समेत जगह-जगह पर स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख की अगुवाई में ग्रामीणों को लगाया गया है. किसी तरह की समस्या होने पर उनसे संपर्क करने को कहा गया है.
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पारंपरिक हथियारों की हुई पूजा
रविवार की सुबह को दलमा राजा राकेश हेम्ब्रम की अगुवाई में फदलोगोड़ा केनाल के पास पारंपरिक हथियार तीर-धनुष, बरछी, भाला व वाद्य यंत्रों की पूजा-अर्चना की गयी. वहीं जामडीह गांव में भी दलमा बुरु दिसुआ सेंदरा समिति के अध्यक्ष फकीर सोरेन के नेतृत्व में अस्त्र-शस्त्रों की पूजा-अर्चना की गयी. पूजा-अर्चना के दौरान सभी वन देवी-देवताओं के चरणों में नतमस्तक हुए. सेंदरा वीरों के ढोल व नगाड़ों की थाप पूरा माहौल सेंदरामय हो गया है.

सामाजिक गतिविधियों पर मंथन आज
दलमा पहाड़ी के तलहटी पर सोमवार की दोपहर को आदिवासी सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक कई बिंदुओं चिंतन-मंथन होगा. राकेश हेम्ब्रम ने बताया कि इसमें स्वशासन व्यवस्था के प्रमुख देश परगना, परगना, माझी बाबा, समाजसेवी, सेंदरा वीर व अन्य शामिल होंगे.
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