Jamshedpur news.
बारीडीह जाहेरटोला में आदिवासी सोशियो एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन (आसेका) झारखंड की एक बैठक संस्था के अध्यक्ष सुभाष चंद्र मार्डी की अध्यक्षता में हुई. बैठक में महासचिव शंकर सोरेन ने कहा कि संताली भाषा की ओलचिकी लिपि में केजी से पीजी तक पठन-पाठन होना चाहिए. साथ ही संताली भाषा शिक्षकों की बहाली भी अविलंब होनी चाहिए. वहीं सरकार की ओर से अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है. यह चिंता का विषय है. आदिवासी संताल समाज के लोग संताली भाषा अकादमी गठन को लेकर भी लंबे समय से मांग करते आ रहे हैं. इस दिशा में भी ठोस कार्रवाई होना चाहिए. श्री सोरेन ने कहा कि पूरे भारत में आदिवासी संताल समुदाय की आबादी करोड़ों में है, बावजूद इसके उनकी धार्मिक सरना धर्म को मान्यता नहीं दिया जा रहा है, जो समझ से परे है, इसलिए तमाम आदिवासी सामाजिक व राजनीतिक संगठनों को एकजुट होकर अपनी मांगों को उचित स्थान पर रखने की भी जरूरत है. बैठक में आदिवासी सोशियो एजुकेशनल एंड कल्चरल एसोसिएशन बारीडीह शाखा का गठन किया गया. इसमें अध्यक्ष – नागी मुर्मू, सचिव – सुगी हेंब्रम एवं सदस्य दुलारी हेंब्रम, सुष्मिता हेंब्रम व साकरो सोरेन को बनाया गया है. इस अवसर पर डोमन मार्डी, जाेगेश्वर मुर्मू, खेलाराम मुर्मू, हलधर सोरेन, सुनीता सोरेन, सुगी हेंब्रम, मंगल हांसदा, भगवान सोरेन, विक्रम मार्डी, सलखो हेंब्रम, राम मार्डी आदि मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है