Jamshedpur News :
शहर में प्रदूषण नियंत्रण को लेकर जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की संयुक्त जांच में कई कंपनियों की खामियां सामने आयी हैं. जांच दल ने टाटा स्टील द्वारा संचालित बर्मामाइंस के बैचिंग प्लांट को प्रदूषण का बड़ा कारण बताते हुए इसे तत्काल शहर से बाहर शिफ्ट करने की अनुशंसा की है. कंपनी प्रबंधन को इसकी जानकारी दे दी गयी है, हालांकि अब तक इस पर कोई कदम नहीं उठाया गया है.जनवरी माह में एडीसी, जिला उद्योग केंद्र के जीएम, जमशेदपुर अक्षेस के उपनगर आयुक्त और आदित्यपुर के क्षेत्रीय प्रदूषण पदाधिकारी की टीम ने शहर व आसपास की कई कंपनियों का निरीक्षण किया था. जांच रिपोर्ट में कहा गया कि बर्मामाइंस क्षेत्र में धूल का जमाव अत्यधिक है, जो सांस के साथ अंदर जाकर गंभीर स्वास्थ्य समस्या पैदा कर सकता है. इस आधार पर प्लांट को शहर से बाहर स्थानांतरित करने की सिफारिश मार्च में ही की गयी थी.इसी दौरान टाटा पावर और जोजोबेड़ा स्थित न्यूवोको विस्टास सीमेंट प्लांट की भी जांच हुई. टाटा पावर को लगातार पानी का छिड़काव करने और ड्राई फॉग सिस्टम को अनवरत चालू रखने की सलाह दी गयी थी. लेकिन, कंपनियों ने अभी तक इस दिशा में ठोस कार्रवाई नहीं की है.न्यूवोको प्लांट में तो गंभीर अनियमितताएं मिलीं. निरीक्षण में पाया गया कि लगाये गये बैग फिल्टर से लीकेज हो रहा था, परिसर व रास्ते पर धूल जमी थी और स्लैग का ढेर खुले में पड़ा था. कंपनी को एक किलोमीटर तक सड़क पर नियमित जल छिड़काव करने, वाहनों से ढुलाई ढंककर करने, परिसर में पौधरोपण बढ़ाने और प्रदूषण नियंत्रण मानकों के अनुपालन के लिए एक्शन प्लान तैयार कर प्रशासन को सौंपने के निर्देश दिये गये.टाटा स्टील में प्रदूषण नियंत्रण के लिए ईएसपी व बैग फिल्टर लगे हैं और सतत निगरानी भी होती है, लेकिन निरीक्षण के दौरान पौधों पर धूल जमी पायी गयी. कंपनी को पौधों की नियमित धुलाई, डस्ट सेपरेशन की बेहतर व्यवस्था, मिस्ट वाटर कैनन की संख्या बढ़ाने, मैकेनिकल स्वीपिंग मशीन चालू करने और ढंके वाहनों से ही ढुलाई करने का निर्देश दिया गया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

