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Jamshedpur news. अस्पताल में कुछ भी ऑर्गनाइज तरीके से नहीं

मुख्यमंत्री अस्पताल मेंटरिंग योजना के तहत टीम ने एमजीएम अस्पताल का किया निरीक्षण

Jamshedpur news.

मुख्यमंत्री अस्पताल मेंटरिंग योजना के तहत राज्यस्तरीय टीम का गठन किया गया है. इस छह सदस्यीय टीम में शामिल डॉ पंकज बोदरा, डॉ अजीत डुगडुग, डॉ प्रवीण श्रीवास्तव, डॉ बेलारोज एक्का, डॉ कृष्ण मुरारी, डॉ राहुल कुमार सभी रांची रिम्स, डॉ मंगेश दोराई, डॉ रोहित झा सहित अन्य एमजीएम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के शामिल थे. टीम ने अस्पताल के ओपीडी, इमरजेंसी, डेंटल, सिटी स्कैन, आयुष्मान, आर्थो, सर्जरी, गायनिक, मेडिसिन, बच्चा वार्ड, ब्लड बैंक, पैथोलॉजी, ओटी सहित अन्य विभागों का निरीक्षण किया. टीम ने अस्पताल में मरीजों की संख्या, डॉक्टर, कर्मचारी व मशीन, उपकरण सहित अन्य संसाधनों की जानकारी दी. जांच के दौरान टीम ने पाया कि एमजीएम अस्पताल में मरीजों की भीड़ ज्यादा है, लेकिन अस्पताल में कुछ भी ऑर्गनाइज तरीके से नहीं है. अस्पताल में उपकरण है, लेकिन उसको सही तरीके से लगाया नहीं गया है. सही से उसका उपयोग नहीं हो रहा है. इतना ही नहीं अस्पताल में मरीजों की संख्या को देखते हुए जगह भी काफी कम है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. इसमें सबसे ज्यादा मेडिकल व गायनिक की स्थिति खराब है. उसके जगह को बढ़ाने की जरूरत है. इसके साथ ही टीम ने पाया कि कई ऑपरेशन थियेटर (ओटी) में अब भी पुराने विधि के उपकरणों के सहारे ही ऑपरेशन हो रहा है, जिसे बदलने की जरूरत है. चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से बदलाव हो रहा है. ऐसे में मेडिकल कॉलेज में उस तकनीक के उपकरण को लाना होगा, ताकि मरीजों को बेहतर चिकित्सा के साथ-साथ भावी चिकित्सकों को भी नयी-नयी चीजें सीखने को मिल सके.

टीम ने कहा कि कमियां तो हर जगह कुछ न कुछ मिल जायेगी, लेकिन हमारे पास जो सुविधाएं मौजूद है, उसे व्यवस्थित करना सबसे बड़ी चुनौती है. इसके बाद टीम के सदस्यों ने डिमना चौक स्थित नये अस्पताल का भी निरीक्षण किया. यहां अस्पताल देखकर सभी खुश नजर आये, लेकिन व्यवस्था में सुधार करने का निर्देश दिया गया. टीम ने कहा कि इतना बेहतर अस्पताल बना है, तो उसे संचालित करने का भी प्लान होना चाहिए. टीम ने यह भी पूछा कि अभी तक न्यूरो, किडनी, कैंसर और हार्ट की ओपीडी शुरू क्यों नहीं हुई. इस पर प्रिंसिपल डॉक्टर दिवाकर हांसदा ने कहा कि इंटरव्यू के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की फाइल भेजी गयी है. वहां से अनुमित मिलते ही इंटरव्यू होगा. उसके बाद ओपीडी की शुरुआत हो जायेगी. तब तक पानी की समस्या भी लगभग दूर हो जायेगी. स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल कॉलेज से लेकर सदर अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) के लिए अलग-अलग टीम गठित की है. ये टीम समय-समय पर संबंधित अस्पतालों में जाकर वहां की व्यवस्था देखेगी, साथ ही उसमें सुधार को लेकर विभाग को रिपोर्ट करेगी.

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