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Jharkhand: सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर ठग लिये 27.20 लाख रुपये, कांग्रेस नेता पर लग रहा है आरोप

जमशेदपुर के एक शख्स से सचिवालय में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर 27.20 लाख रुपये ठगी हो गयी है. रांची चर्च रोड निवासी कांग्रेस नेता तनवीर अख्तर पर ये आरोप लग रहा है. पीड़िता ने इस मामले में न्याय की गुहार लगायी है

जमशेदपुर : बागानशाही रोड नंबर 7 निवासी हामिदा बानो ने रांची के निशांत बाग नाज मेंशन निवासी बहन रशीदा नाज, बहनोई मंसूर अख्तर, उनके बेटे आदिल राशिद और रांची चर्च रोड निवासी कांग्रेस नेता तनवीर अख्तर पर बेटे की सचिवालय में क्लर्क की नौकरी दिलाने के नाम पर 27.20 लाख रुपये ठगी करने का आरोप लगाते हुए आजादनगर थाना में लिखित शिकायत दर्ज करायी है. इस मामले में एसएसपी से न्याय की गुहार लगायी है.

प्रतिमाह 70 से 80 हजार वेतन मिलने का दिया झांसा

हमीदा बानो के अनुसार उनके पति काजी मोहम्मद मुस्ताक मानगो स्थित कबीरिया हाई स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक थे. गत 30 अप्रैल 2021 को उनका निधन हो गया. बेटा काजी शरीक अहसान ने बीटेक की पढ़ाई की है, लेकिन बेरोजगार है.

पति के निधन के बाद मिले पैसे से बेटे को बिजनेस कराने की सोच रही थी. पति के निधन पर बहन रशीदा नाज, बहनोई मंसूर अख्तर और उनका बेटा आदिल राशिद घर आये थे. उन्होंने बताया कि रांची चर्च रोड में कांग्रेस नेता तनवीर अख्तर से उनकी जान पहचान है. तनवीर ने कई लोगों की नौकरी लगायी है. रांची सचिवालय सहायक की स्थायी नौकरी मिलेगी तथा प्रतिमाह 70 से 80 हजार रुपये वेतन भी मिलेंगे.

  • पति थे हाई स्कूल में अंग्रेजी के शिक्षक, उनके निधन के बाद मिले पैसे अपनों ने ठग लिये

  • आजादनगर थाने में दर्ज करायी लिखित शिकायत, एसएसपी से भी लगायी न्याय की गुहार

पहले पांच लाख, फिर “7.50 लाख और अंत में ले लिये “14.70 लाख

बहन-बहनोई के झांसे में आकर वह (हामिदा बानो) रुपये देने को तैयार हो गयी. उनलोगों ने फोन से तनवीर अख्तर से बात भी करायी थी. जिसके बाद 21 मई 2021 को केनरा बैंक जाकिरनगर शाखा से पांच लाख रुपये नकद निकालकर बेटे के साथ वह रांची गयी.

वहां बहनोई मंसूर अख्तर और उनके बेटे को पांच लाख रुपये दिये. इसके बाद 31 मई को पुन: बहनोई ने फोन कर बताया कि एक-दो दिनों में वैकेंसी निकलने वाली है. उससे पूर्व साढ़े सात लाख रुपये जमा करना होगा. एक जून को साढ़े सात लाख रुपये दिये. इसके बाद उनलोगों ने कुछ फाॅर्म पर हस्ताक्षर कराये. कुछ महीने तक वे लोग कोरोना का बहाना बनाकर टाल -मटोल करते रहे. बाद में बहनोई ने फोन पर एक रिकाॅर्डिंग भेजी. जिसे उसने सचिवालय का बड़ा अधिकारी बताया. इसके बाद उन्होंने पुन: 14.70 लाख रुपये की मांग की. उक्त राशि केनरा बैंक से आरटीजीएस के माध्यम से भेज दिया.

Posted By : Sameer Oraon

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