प्लांट के इसी माह शुरू होने की संभावना
पांच साल तक रख-रखाव व संचालन संबंधित एजेंसी के जिम्मे रहेगी
Jamshedpur News :
बिरसानगर के हुरलुंग में एफएसटीपी प्लांट (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण मार्च माह से शुरू होने की संभावना है. लगभग साढ़े तीन करोड़ से अधिक की लागत से इस प्लांट का निर्माण होगा. इस प्लांट के बनने के बाद जेएनएसी एरिया के सेप्टिक टैंक के कचरे के निस्तारण की समस्या का निदान हो जायेगा. जमशेदपुर अक्षेस के उप नगर आयुक्त कृष्ण कुमार ने बताया कि निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाला जा चुका है. प्लांट बनने के बाद पांच साल तक रख-रखाव व संचालन का जिम्मा संबंधित एजेंसी का ही होगा.50 केएलडी होगी प्रतिदिन की क्षमता
एफएसटीपी प्लांट (फिकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट) की क्षमता प्रतिदिन 50 केएलडी होगी. अपशिष्ट शोधन संयंत्र (एफएसटीपी प्लांट) में बिरसानगर, बागुनहातु के शौचालयों का गंदा पानी साफ कर उसका उपयोग बागवानी में किया जायेगा. जबकि प्लांट के बचे सॉलिड वेस्ट का इस्तेमाल खाद के रूप में किया जायेगा. इसी तर्ज पर आने वाले समय में शहर के दूसरे हिस्से में एफएसटीपी की स्थापना का प्रस्ताव है.प्लांट के बनने से सेप्टिक टैंक के कचरे का होगा निस्तारण
इस प्लांट के बनने से शहर के सेप्टिक टैंक के कचरे का निस्तारण हो जायेगा. शहर की बस्तियों में लोगों ने अपने-अपने घरों में ही सेफ्टी टैंक बनवा रखा है. जब घरों के ये टैंक भर जाते हैं तो इन्हें निजी एजेंसी से टैंकर मंगवाकर साफ कराया जाता है. फिर उस मलबे को टैंकर से कहीं दूर ले जाकर खुले में या नालों में फेंक दिया जाता है. जिससे गंदगी फैलती है. अब इस मलबा को प्लांट में ट्रीट कर खाद बनाया जायेगा. यह एक तरह का मल-कीचड़ उपचार संयंत्र है.सात स्टेज में बनकर तैयार होगी खाद
1. रिसिविंग चैंबर विथ स्क्रीन में 50 प्रतिशत पानी मलबे से अलग किया जायेगा.2. बायाे गैस प्लांट में मलबे से बायाे गैस बनाया जायेगा
3. डी-वाटरिंग प्लांट में खाद से निकले पानी को अलग किया जायेगा.4. कंपाेस्ट पिटाें में मलबे से निर्मित खाद काे सुखाया जायेगा.
5. वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में मलबे से निकलने वाले गंदे पानी को फिल्टर किया जायेगा.6. वाटर ग्रेवल फिल्टर में भी पानी काे प्यूरीफाई किया जायेगा.
7. वाटर स्टाेरेज टैंक में रिसाइकल किये जाने वाले पानी को स्टोर किया जायेगा.वर्जन…
एफएसटीपी प्लांट निर्माण कार्य के लिए टेंडर निकाला जा चुका है. लगभग साढ़े तीन करोड़ से अधिक की लागत से इस प्लांट का निर्माण कार्य होगा. इस प्लांट के बनने के बाद सेप्टिक टैंक के कचरे की समस्या का निदान होगा.
– कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जेएनएसीB
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