Jamshedpur News :
रमजान का पाक महीना शुरू होते ही बाजार में फलों की मांग बढ़ गयी है, लेकिन महंगाई ने रोजेदारों की जेब पर असर डाल दिया है. इस बार फलों के दामों में 10 से 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है. आगामी नवरात्र और छठ पर्व को देखते हुए कीमतों में और बढ़ोतरी की आशंका है. फल विक्रेताओं के अनुसार शहर में बिकने वाले अधिकतर फल बाहर से आते हैं, लेकिन कम आवक और माल भाड़ा बढ़ने के कारण कीमतें लगातार चढ़ रही हैं.कम आवक, बढ़ा किराया बनी महंगाई की वजह
शहर में यूपी, हिमाचल प्रदेश, बंगाल, बिहार, वाशिंगटन, आंध्र प्रदेश, नागपुर, ओडिशा, गुजरात और नासिक से फल मंगाये जाते हैं. फल उत्पादक राज्यों में उपज कम होने और डीजल के दाम बढ़ने से ट्रांसपोर्ट लागत बढ़ गयी है. इससे फलों के दाम आसमान छू रहे हैं. थोक फल विक्रेता असरफ के अनुसार, पहले जहां शहर में रोजाना 10 ट्रक फल आते थे, अब केवल तीन से चार ट्रक ही आ रहे हैं. केला भी पहले छह से सात ट्रक आता था, जो घटकर तीन ट्रक रह गया है.तरबूज, पपीता व सेब की अधिक मांग
फल विक्रेताओं के मुताबिक, तरबूज, पपीता, सेव और केला की मांग सबसे अधिक है. गर्मी के कारण एक-दो सप्ताह में अंगूर और संतरे के दामों में और वृद्धि की संभावना है.फलों की मौजूदा कीमतें
केला: 60-70 रुपये दर्जन (15 दिन पहले 40-60 रुपये)सेब: 160-220 रुपये किलो (स्थिर दाम)वाशिंगटन सेब: 220 रुपये किलोतुर्की सेब: 185 रुपये किलोअनार: 90-140 रुपये किलो (पहले 80-120 रुपये)अंगूर: 90-120 रुपये किलो (पहले 80-90 रुपये)मौसंबी: 50-70 रुपये किलो (पहले 40-60 रुपये)तरबूज: 25 रुपये किलो (पहले 20 रुपये)पपीता: 40-50 रुपये किलो (स्थिर दाम)कहां से आता है कौन फल
केला- आंध्र प्रदेश, बंगाल, बिहारसेब- यूपी, हिमाचल प्रदेश, वाशिंगटन, कश्मीर, तुर्कीअनार- नासिक, नागपुरअंगूर- नासिक, गुजरातमौसंबी – नागपुर, आंध्रा प्रदेशतरबूज- यूपी, ओड़िशा, बंगालपपीता- रायपुर, बंगालक्या कहते हैं दुकानदार
ईद के साथ अन्य पर्व होने के कारण फलों की मांग बढ़ गयी है, लेकिन जरूरत के अनुसार फल नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण फल के दामों में वृद्धि हो गयी है. कुछ दिनों में इसके दामों में कमी आ सकती है.असरफ, फल विक्रेता————————————————————–बाजार में पहले की तुलना में फल आधे आ रहे हैं. अवाक कम होने की वजह से वहीं से महंगे फल आ रहे हैं, जिसके कारण शहर में भी फल के दामों में वृद्धि हो गयी है.
नदीम, फल विक्रेता———————————————————————क्या कहते हैं आम लोग
रमजान में फलों की कीमत कितनी भी बढ़ जाये, लेकिन इफ्तार के समय फल जरूरी है. हालांकि पहले जो फल किलो में लेते थे, दाम बढ़ने से कम फल ला रहे हैं, लेकिन खरीदारी तो कर रहे हैं.इदरीश, पटमदा—————————————————–चाहे कोई भी पर्व हो फल की जरूरत होती ही है. अभी फल के दामों में वृद्धि हुई है, जिसके कारण जहां हमलोग एक किलो फल लेते थे, उसकी जगह पर इस समय आधा किलो से ही काम चला रहे हैं.
शेख रियाज, मानगोडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

