परसुडीह के गदड़ा में दलमा सेंदरा की रणनीतियों पर चर्चा
11 अप्रैल को पारंपरिक खजूर पत्ते से बना निमंत्रण पत्र बनाने की तारीख की जायेगी तय
अप्रैल अंत या मई के प्रथम सप्ताह में हो सकता है दलमा सेंदरा, तारीख पर दिसुआ सेंदरा वीरों की अंतिम मुहर लगनी बाकी
Jamshedpur News :
परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा गांव में रविवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम की अध्यक्षता में दलमा सेंदरा की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया. राकेश हेंब्रम ने बताया कि आदिकाल से आदिवासी समुदाय दलमा पहाड़ में सेंदरा की परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं. जिसमें पूर्वी सिंहभूम ही नहीं झारखंड, बंगाल, ओडिशा व बिहार से भी सैकड़ों सेंदरा वीर शिकार खेलने के लिए आते हैं. इस बार दलमा के तराई वाले गांवों में बाघ के विचरण करने की जानकारी मिली है. इससे सेंदरा वीरों को विचलित होने की जरूरत नहीं है. बाघ जंगल में रहने वाला प्राणी है. उसका जंगल में रहना कोई नयी बात नहीं है. उनकी संख्या आने वाले दिनों बढ़े और अन्य वन्य जीवों का भी वास स्थल दलमा बने. इससे दलमा की सुंदरता और बढ़ेगी. जंगल में वन्य जीवों का बढ़ना अच्छा संकेत होता है. उन्होंने कहा कि दलमा बुरू सेंदरा समिति हमेशा घने जंगलों में शिकार खेलने से पूर्व वन देवी-देवताओं की अनुमति मांगता है. इसके लिए समय आने पर विशेष पूजा की जायेगी. पूजा के दौरान देवी-देवताओं का जैसा संकेत मिलेगा, सेंदरा समिति व सेंदरा वीर उसका अनुशरण करेंगे. आगामी 11 अप्रैल को पुन: विभिन्न गांवों के माझी बाबा, मानकी-मुंडा, परगना व सेंदरा वीरों की एक विशेष बैठक होगी. जिसमें सेंदरा वीरों को पारंपरिक तरीके से खजूर के पत्तों से निमंत्रण पत्र बनाने की तिथि तय की जायेगी. इसके एक-दो दिन के अंदर दलमा सेंदरा की तिथि को दिसुआ सेंदरा वीरों के लिए सार्वजनिक किया जायेगा. इस दौरान परगना, मानकी-मुंडा व सेंदरा वीरों ने कई आवश्यक सुझाव भी दिये. बैठक में राकेश हेंब्रम, लालसिंह गागराई, धानो मार्डी, भगत मुर्मू, रंजीत, राहुल सरदार, सुशील मुर्मू, सूरज हेंब्रम, साहेब हेंब्रम, राजा सोरेन, शंकर गागराई, संपूर्ण सांवैया, सुकरा बारजो समेत काफी संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे.ये प्रस्ताव किये गये पारित
-ग्रामीणों को सेंदरा की महत्ता से रूबरू कराया जायेगा-विभिन्न चेकपोस्ट पर माझी बाबा की अगुवाई में विशेष टीम तैनात रहेगी-सेंदरा को लेकर वन विभाग से समन्वय स्थापित किया जायेगा-पारंपरिक निमंत्रण पत्र अर्थात सेंदरा गिरा गांव-गांव घुमाया जायेगा
-महिलाओं की भागीदारी भी सुनिश्चित की जायेगी-एनएच को छोड़ फदलोगोड़ा पहाड़ी की तराई पर रात्रि विश्राम स्थल बनाया जायेगा-फदलोगोड़ा पहाड़ी की तराई पर ही वन देवी-देवताओं की विशेष पूजा होगी
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