एक्सएलआरआइ जमशेदपुर में बिजनेस-बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव का आयोजन
वक्ताओं ने कहा- कंपनियां प्रकृति की रक्षा करेंगी, तो उनका खुद का भविष्य भी सुरक्षित रहेगा
Jamshedpur News :
एक्सएलआरआइ, जेवियर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट ने सोमवार को इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजरवेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) के सहयोग से बिजनेस-बायोडायवर्सिटी कॉन्क्लेव का आयोजन किया. इस अवसर पर उद्योग, शिक्षा, सरकार और वैश्विक संगठनों के दिग्गज एक मंच पर आये और जैव विविधता संरक्षण में व्यवसायों की भूमिका पर विचार-विमर्श किया.कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन से हुई. एक्सएलआरआइ के प्रोफेसर टाटा एल. रघुराम ने संस्थान की सतत विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाया. आइयूसीएन के वरिष्ठ अधिकारी डॉ. यशवीर भटनागर ने दुनियाभर में निजी क्षेत्र द्वारा जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों पर प्रकाश डाला और कहा कि अब कंपनियों को भी पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी निभानी होगी.मुख्य वक्ता झारखंड की प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह बायोडायवर्सिटी बोर्ड की प्रमुख शैलजा सिंह ने कहा कि कंपनियों को केवल कानूनी औपचारिकताओं तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि प्रकृति के संरक्षण के लिए सक्रिय पहल करनी चाहिए. उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी तकनीकों के माध्यम से संरक्षण के नये रास्ते तलाशने का सुझाव दिया.एक्सएलआरआइ के डीन एकेडमिक प्रो. संजय पात्रो ने बताया कि संस्थान ने 2006 में ही संयुक्त राष्ट्र ग्लोबल कॉम्पैक्ट पर हस्ताक्षर कर अपनी प्रतिबद्धता जतायी थी. टाटा स्टील फाउंडेशन के सीइओ सौरव रॉय ने कहा कि कंपनियों को अपनी नीतियों में जमीनी हकीकतों को शामिल करना चाहिए और बाजार व गैर-बाजार दोनों तरीकों से जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देना चाहिए.
पैनल चर्चा में टाटा पावर, टाटा स्टील, भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) और आइयूसीएन के विशेषज्ञों ने जैव विविधता के लिए बीमा समाधान, विदेशी प्रजातियों के प्रबंधन और पर्यावरणीय जोखिम को कम करने के उपायों पर चर्चा की. सभी विशेषज्ञों ने एक स्वर में कहा कि यदि कंपनियां प्रकृति की रक्षा करेंगी तो उनका भविष्य भी सुरक्षित रहेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

