जमशेदपुर : मानगो जवाहरनगर की महिला और उसके नवजात बेटे जमशेद (काल्पनिक नाम) को न्याय दिलाने के लिए झारखंड बाल संरक्षण आयोग सामने आया है. आयोग ने इसकी जांच शुरू कर दी है. आयोग के सदस्य सुनील कुमार 20 नवंबर को जांच करने शहर आयेंगे. इधर, नवजात जमशेद की फिलहाल चाइल्ड लाइन में देखभाल की जा रही है. लेकिन यह कब तक चलेगा, यह सवाल उसके मस्तिस्क में घूम रहा है.
उसे इस बात की भी चिंता है कि उसे जन्म देने वाली मां के साथ समाज के लोगों ने जो गलत किया है, क्या उसे इंसाफ मिल पायेगा? लौहनगरी को अनेकता में एकता का शहर कहा जाता है. जहां हर समुदाय के लोग आपस में मिलकर एक-दूसरे का सहारा बनते हैं. लेकिन जमशेद और उसकी मां का सहारा कोई नहीं बन रहा है. न ही शासन और न ही प्रशासन. जमशेद की मां के साथ कई बार गलत हुआ. उसने अबतक चार बच्चे को जन्म दिया. लेकिन तीन बच्चे कहां गये, इसका अबतक पता नहीं चल सका है. और न ही उसकी मजबूरी का फायदा उठाने वालों का ही पुलिस और प्रशासन पता लगा पाया है.
जमशेद और उसकी मां के मामले को आयोग ने संज्ञान में लिया है. इसकी जांच की जायेगी. आगामी 20 नवंबर को आयोग की टीम शहर पहुंचकर मामले की जांच करेगी. दोषी के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
- काजल यादव, चेयरमैन, झारखंड बाल संरक्षण आयोग