टाटा मोटर्स अस्पताल के चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने कहा-समय पर इलाज जरूरी
शरीर के प्रभावित क्षेत्र में लालिमा, सूजन और दर्द है प्रमुख लक्षण
Jamshedpur News :
शहर में सेल्युलाइटिस के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. टेल्को अस्पताल में महीना में तीन से चार मरीज इलाज कराने के लिए पहुंच रहे हैं. लगातार सेल्युलाइटिस के मरीज मिलने से स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चिंता बढ़ गयी है. टाटा मोटर्स अस्पताल के चिकित्सक डॉ. संजय कुमार ने कहा कि सेल्युलाइटिस कोई अलग महामारी नहीं है, बल्कि यह एक गंभीर बैक्टीरिया या फंगल त्वचा संक्रमण है, जो त्वचा की दरारों के माध्यम से बैक्टीरिया के शरीर में प्रवेश करने से होता है. इसमें शरीर के प्रभावित क्षेत्र में लालिमा, सूजन और दर्द होता है. सही समय पर इसपर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह जानलेवा भी हो सकता है. उन्होंने कहा कि सेल्युलाइटिस से मुख्य रूप से 41 से 80 वर्ष की आयु के पुरुष ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग 44.2 प्रतिशत मामलों में मधुमेह एक प्रमुख जोखिम कारक के रूप में सामने आया है. इसके अलावा, जिन लोगों को चोट, घाव या कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली है, वे भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं. रोगियों को बुखार, ठंड लगना और अस्वस्थता जैसे लक्षण भी महसूस हो सकते हैं. उन्होंने कहा कि कुछ लक्षण खतरे के संकेत हैं, जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है. इनमें तेज बुखार, ठंड लगना, तेजी से फैलने वाला सूजन, अत्यधिक दर्द, त्वचा का काला पड़ना और सुन्न होना भी शामिल है. ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है. उन्होंने कहा कि इसका इलाज एंटीबायोटिक्स से किया जाता है. कुछ गंभीर मामलों में रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता होती है, जहां वे औसतन 3 से 10 दिन तक रहते हैं. रोकथाम हमेशा इलाज से बेहतर है. उन्होंने स्वच्छता बनाये रखने, छोटे घावों और कटों का तुरंत इलाज करने और मधुमेह जैसी अंतर्निहित स्वास्थ्य समस्याओं का सही प्रबंधन करने की सलाह दी है.इसकी मुख्य बातें
-62.4 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करता है-41-80 वर्ष की आयु में सबसे आम 79.5 प्रतिशत-94.6 प्रतिशत मामलों में पैर प्रभावित होते हैं-44.2 प्रतिशत रोगियों में मधुमेह पाया जाता है
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