जमशेदपुर : झामुमाे के केंद्रीय उपाध्यक्ष सह काेल्हान प्रभारी चंपई साेरेन ने कहा कि रघुवर सरकार द्वारा 1985 काे आधार बनाकर घाेषित की गयी स्थानीयता नीति स्वीकार नहीं की जायेगी. स्थानीयता के लिए अंतिम सर्वे सेटलमेंट काे ही झामुमाे स्वीकार करेगा. अंग्रेजाें के खिलाफ लड़कर भगवान बिरसा मुंडा ने सीएनटी – एसपीटी एक्ट बनवाया, इसे रघुवर सरकार खत्म करने की साजिश रच रही है. ऐसा कभी नहीं हाेने दिया जायेगा. 15 नवंबर काे गाेपाल मैदान में रघुवर सरकार के खिलाफ पांच लाख लाेगाें की उपस्थिति में दस हजार नगाड़ा पीटकर झारखंड के गांव-पंचायत तक आंदाेलन काे पहुंचाने का संकल्प लिया जायेगा.
रैली में पार्टी सुप्रीमाे शिबू साेरेन, पूर्व सीएम हेमंत साेरेन समेत सभी सांसद, विधायक व केंद्रीय नेतागण माैजूद रहेंगे. बिष्टुपुर स्थित एक हाेटल में गुरुवार काे आयाेजित संवाददाता सम्मेलन चंपई साेरेन ने कहा कि वर्तमान सरकार आदिवासी-मूलवासियाें के खिलाफ काम कर रही है. इसे स्थापना दिवस पर भगवान बिरसा मुंडा को श्रद्धांजलि देने का अधिकार नहीं है. दलमा में इकाे सेंसेटिव जाेन के नाम पर 135 गांवाें काे मझधार में फंसाने की याेजना बनायी गयी है. इन गांवाें का विकास काैन करेगा, इनकी देखभाल कौन करेगा, इस संंबंध में सरकार चुप है.
ईचा-खरकई डैम के नाम पर 150 गांव के लाेगाें काे विस्थापित करने की याेजना बनायी गयी है. वास्तव में सरकार की मंशा आदिवासी-मूलवासियाें को खत्म करने की है. श्री सोरेन ने कहा कि पूंजीपतियाें काे राज्य में स्थापित करने के लिए सरकार आदिवासियाें-मूलवासियाें की जमीन का बड़े स्तर पर अधिग्रहण कर रही है.
सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ झामुमाे नेताअाें का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलेगा. संवाददाता सम्मेलन में विधायक कुणाल षाड़ंगी, खरसावां के विधायक दशरथ गागराई, चाईबासा के विधायक दीपक बिरुआ, चक्रधरपुर के विधायक शशि भूषण सामद, झामुमाे जिलाध्यक्ष रामदास साेरेन, जिला सचिव लालटू महताे, केंद्रीय महासचिव माेहन कर्मकार, राजू गिरी, गणेश चाैधरी, सरायकेला-खरसावां के जिलाध्यक्ष रंजीत प्रधान, झायुमाे के जिलाध्यक्ष महावीर मुर्मू, केंद्रीय सदस्य वकील मंडल माैजूद थे.