उनकी पत्नी बुधवार को इंतजार कर रही थी कि उनके पति हमेशा की तरह सब्जी खरीदते हुए आयेंगे. वे तो नहीं आये, बल्कि उनकी मौत की खबर जरूर अा गयी. बूढ़े मां-बाप, पत्नी और तीन बच्चों का परिवार छोड़कर वे इस दुनिया से विदा हो गये.
छायानगर निवासी उनके जीजा पिंटू ठाकुर ने बताया कि परिवार को न तो बस के मालिक द्वारा कोई मुआवजा देने की बात कहीं जा रही है और न ही किसी तरह का कोई लाभ दिया जा रहा है. ऐसे में समझ नहीं आ रहा है कि परिवार कैसे चल पायेगा. पूरा परिवार उसकी ही कमाई से चलता था, जिसके चले जाने के बाद अब पूरा परिवार क्या करेगा, यह समझ ही किसी को नहीं आ रहा है.