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आनुवांशिक कारणों से हो सकता है काला मोतिया

आनुवांशिक कारणों से हो सकता है काला मोतियाडॉ विवेक केडिया, आई स्पेशलिस्ट काला मोतिया होने का वैसे कोई मुख्य कारण नहीं होता, लेकिन यह अनुवांशिक कारणों से हो सकता है. यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है. पहला प्राइमरी व दूसरा सेकेंडरी. प्राइमरी, आनुवांशिक श्रेणी में आता है, वहीं सेकेंडरी काला मोतिया आंख […]

आनुवांशिक कारणों से हो सकता है काला मोतियाडॉ विवेक केडिया, आई स्पेशलिस्ट काला मोतिया होने का वैसे कोई मुख्य कारण नहीं होता, लेकिन यह अनुवांशिक कारणों से हो सकता है. यह मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है. पहला प्राइमरी व दूसरा सेकेंडरी. प्राइमरी, आनुवांशिक श्रेणी में आता है, वहीं सेकेंडरी काला मोतिया आंख में किसी प्रकार की बीमारी या रीएक्शन होने के कारण होता है. बीमारी होने से दो प्रकार के लक्षण दिखायी देते हैं. क्लोज एंगल होने के कारण सिर में दर्द, धुंधलापन व कई रंग दिखायी देते हैं. वहीं, ओपन एंगल में मरीज को सिर में दर्द होता है व 99 फीसदी मामलों में चेकअप के दौरान यह बीमारी पकड़ में आ जाती है. सीवियर केस में मरीज की आंखों के सामने से कोई वस्तु गुजर जाती है, तब भी उसे पता नहीं चलता है. ऐसे लक्षण दिखायी देने पर फौरन डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिये. वहीं, सामान्य तौर पर 40 वर्ष की उम्र के बाद लोगों को रेगुलर आइ चेकअप करवाते रहना चाहिए. दूसरी ओर, अगर इस बीमारी की फैमिली हिस्ट्री है, तो उस स्थिति में 25 वर्ष के बाद से ही व्यक्ति को रेगुलर चेकअप करवाते रहना चाहिए. बीमारी : काला मोतिया. लक्षण : सिर में दर्द, धुंधलापन, सीवियर केस में मरीज की आंखों के सामने से कोई वस्तु गुजर जाती है व उसे पता तक नहीं चलता. बचाव : 40 वर्ष की उम्र के बाद रेगुलर आइ चेकअप करायें.

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