नोट- फोटो है. डॉ. के वी उपाध्याय, फिजियोथैरेपिस्ट कम उम्र के लोगों को भी स्लीप डिस्क की बीमारी लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर आज के समय में स्लीप डिस्क की बीमारी काफी सामान्य हो गयी है. यह बीमारी 30 साल तक के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. इसलिए जरुरी है कि इस बीमारी से बचाव किया जाये. लम्बर रीजन का स्लीप डिस्क रीढ़ की हड्डी के बीच में सॉफ्ट टिशू की इंज्यूरी हो जाने के कारण होता है. ऐसा किसी एक्सिडेंट के होने के कारण, छुक कर सामान उठाने के कारण होता है. बीमारी के होने से देखा गया है कि पीठ में दर्द का एहसास होता है, यह दर्द ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता है, झिनझिनी का एहसास होता है, बीमारी बढ़ जाने पर कमजोरी का एहसास होता है. शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखायी देने पर डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए. वहीं बीमारी से बचाव के लिए जरुरी है कि स्पाइन पावर को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए, अचानक झुक कर भारी सामान नहीं उठाना चाहिए, धीरे धीरे बाइक चलाना चाहिए. फिजियोथैरेपी के द्वारा इस बीमारी का इलाज संभव है. जरुरी है कि सही समय पर डॉक्टरी सलाह बरती जाये. बीमारी- स्लीप डिस्क (लंबर रीजन)लक्षण- पीठ में दर्द का एहसास होता है, यह दर्द ऊपर से नीचे की ओर बढ़ता है, झिनझिनी का एहसास होता है, बीमारी बढ़ जाने पर कमजोरी का एहसास होता है. बचाव- स्पाइन पावर को बढ़ाने के लिए एक्सरसाइज करना चाहिए, अचानक झुक कर भारी सामान नहीं उठाना चाहिए, धीरे धीरे बाइक चलाना चाहिए.
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हेल्थ बुलेटिन एडवांस (असंपादित)
नोट- फोटो है. डॉ. के वी उपाध्याय, फिजियोथैरेपिस्ट कम उम्र के लोगों को भी स्लीप डिस्क की बीमारी लाइफ रिपोर्टर@जमशेदपुर आज के समय में स्लीप डिस्क की बीमारी काफी सामान्य हो गयी है. यह बीमारी 30 साल तक के युवाओं को भी अपनी चपेट में ले रही है. इसलिए जरुरी है कि इस बीमारी से […]
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