जमशेदपुर: स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर तथा पीएमसीएच धनबाद में सत्र 2015-16 के नामांकन पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है. एमजीएम जमशेदपुर तथा पीएमसीएच धनबाद की सीट बढ़ने की प्रत्याशा (उम्मीद) में ऐसा किया गया है. ताकि हर जगह एक साथ नामांकन हो. सीटें बढ़ने की […]
जमशेदपुर: स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेजों रिम्स रांची, एमजीएम जमशेदपुर तथा पीएमसीएच धनबाद में सत्र 2015-16 के नामांकन पर अस्थायी रोक लगाने का फैसला किया है. एमजीएम जमशेदपुर तथा पीएमसीएच धनबाद की सीट बढ़ने की प्रत्याशा (उम्मीद) में ऐसा किया गया है.
ताकि हर जगह एक साथ नामांकन हो. सीटें बढ़ने की मंजूरी जैसे ही मिलेगी, नामांकन प्रक्रिया शुरू हो जायेगी. गौरतलब है कि इन दिनों मेडिकल की सीटों पर नामांकन के लिए पहले तरण की काउंसेलिंग भी हो चुकी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार जरूरत हुई, तो काउंसेलिंग फिर से हो सकती है. दरअसल मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआइ) ने रिम्स रांची की सीट 150 करने की मंजूरी तो दे दी है, पर एमजीएम तथा पीएमसीएच की सीट 100-100 की बजाय 50-50 रहने का जिक्र विभाग को भेजी चिट्ठी में किया है.
इसी आलोक में किसी परेशानी से बचने के लिए नामांकन पर रोक लगायी गयी है. हालांकि विभाग को पूरी उम्मीद है कि एमजीएम व पीएमसीएच के लिए 100-100 सीटों को मंजूरी मिल जायेगी. दरअसल इस उम्मीद की वजह एमसीआइ से हुई एक तकनीकी भूल भी है.
रिम्स को 150 सीटों की मान्यता देने संबंधी चिट्ठी में एमसीआइ ने जिक्र किया है कि यह मंजूरी राज्य सरकार की सभी कमियों को पूरा करने संबंधी अंडरटेकिंग के आधार पर दी गयी है. पर एमजीएम व पीएमसीएच की सीटें कम करने संबंधी पत्र में एमसीआइ ने अंडरटेकिंग संबंधी कोई जिक्र नहीं किया है. उधर स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी की केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से हुई हालिया मुलाकात के बाद श्री चंद्रवंशी ने भी कहा था कि केंद्र से सभी 350 सीटों की मंजूरी मिल जायेगी. विभागीय अधिकारी एक तकनीकी पहलू का भी जिक्र कर रहे हैं. मई में दी गयी विभागीय अंटरटेकिंग में सभी चीजों को दुरुस्त करने के लिए तीन माह का समय दिया गया था. इस तरह यह समय सीमा अगस्त तक है. विभागीय अधिकारियों के अनुसार लगभग सभी कमियों को पूरा कर लिया गया है या किया जा रहा है. सिर्फ फैकल्टी संबंधी समस्या का ही समाधान होना बाकी है. इधर विभाग ने इन दोनों कॉलेजों के कुल 30 शिक्षकों को प्रोन्नति देकर इस कमी को पूरा करने की कोशिश की है. एमजीएम के 12 तथा पीएमसीएच के 18 असिसटेंट प्रोफेसर को एसोसियेट प्रोफेसर बना दिया गया है. वहीं फैकल्टी की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया भी शुरू होनी है.