जमशेदपुर: वन विभाग की चौकसी और वन्य प्राणियों का सेंदरा न होने देने के दावे के बीच सोमवार को सेंदरा वीरों ने कम से कम दो हिरणों का शिकार किया. हालांकि वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी घने जंगल के गांवों के मुख्य मार्ग पर दिन भर गश्त लगाते रहे, लेकिन जंगल के चप्पे-चप्पे से वाकिफ शिकारियों ने पगडंडी व घाटी के संकरे रास्ते से गुजरते हुए शिकार किया तथा शिकार के साथ आसानी से बाहर आ गये.
दोपहर तीन बजे तक चिमटी, बोंटा व धोबनी क्षेत्र में वन विभाग काफी सक्रिय रहा, लेकिन तीन बजे के बाद अचानक आयी बारिश व तूफान के चलते विभाग के कर्मचारी वहां से चले गये बाद में शिकारी वन विभाग के लोगों की गतिविधियों को भांपते हुए अलग-अलग रास्ते से शिकार के साथ वापस लौटे.
थैले में भर कर ले गये शिकार
शिकारियों को वन विभाग की चौकसी का अनुमान पहले से था. इसलिए वे शिकार करने के बाद पहाड़ से नीचे आने के लिए शाम होने का इंतजार करने लगे. शिकारी समूह हिरण आदि को टांग कर ले जाने के बजाय बड़े थैले में भर कर ले गये. ताकि लोगों की नजर न पड़े. इस बार दलमा में शिकार खेलने के लिए कम ही लोग चढ़े. वन विभाग के भय से कई जगहों से शिकारी नहीं आये.