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तीन साल से तैयार अस्पताल अब खुलेगा
144 करोड़ की लागत से बन कर तैयार है सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल रांची : रांची के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संचालन की संभावना अब बढ़ गयी है. गुड़गांव स्थित मेदांता (ग्लोबल हेल्थ केयर) को इसके संचालन का जिम्मा मिल सकता है. यह काम दो वर्ष पहले हो सकता था, पर पूर्व सरकार में स्वास्थ्य विभाग […]
144 करोड़ की लागत से बन कर तैयार है सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल
रांची : रांची के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के संचालन की संभावना अब बढ़ गयी है. गुड़गांव स्थित मेदांता (ग्लोबल हेल्थ केयर) को इसके संचालन का जिम्मा मिल सकता है. यह काम दो वर्ष पहले हो सकता था, पर पूर्व सरकार में स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को उलझा दिया था.
तीन वर्ष के निर्माण व करीब 144 करोड़ की लागत से यह अस्पताल वर्ष 2011 में बन कर लगभग तैयार हो गया था, लेकिन शुरू नहीं हो सका. अस्पताल संचालन के लिए विभाग ने निविदा निकाली थी. पर बाद में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र सिंह व स्वास्थ्य सचिव बीके त्रिपाठी ने अपने स्तर से निर्णय लेते हुए 29 मई को निविदा रद्द कर दी. जानकारों के अनुसार विभाग को ऐसा करने का अधिकार ही नहीं था. टेंडर पर कोई भी अंतिम निर्णय सरकार की स्टेयरिंग कमेटी कर सकती थी.
दरअसल स्वास्थ्य विभाग ने 22 जनवरी-2014 को वर्ल्ड बैंक से संबद्ध इंटरनेशनल फिनांस कंपनी (आइएफसी) के साथ करार किया था. इसके अनुसार आइएफसी का काम निविदा का मूल्यांकन कर इसे मुख्य सचिव (तब आरएस शर्मा) की अध्यक्षता में बनी स्टेयरिंग कमेटी को सौंप देना था. निविदा से संबंधित कोई भी अंतिम निर्णय इसी कमेटी को लेना था. इससे पहले छह मई-14 को टेक्निकल बिड में सफल दो पार्टियों (मेदांता व टेक्नो इंडिया) को मेल से उनके सफल होने की सूचना दी गयी थी. यह भी कहा गया था कि फिनांशियल बिड आठ मई को खोली जायेगी.
बाद में फिनांशियल बिड खोले जाने का दबाव बनने पर विभाग ने जुलाई-2014 में निविदा खोली. इसमें टेक्नो इंडिया एल-वन तो हुआ, पर बंगाल में कंपनी के ब्लैक लिस्टेड होने सहित अन्य आरोप के कारण मेदांता (ग्लोबल हेल्थ केयर) अकेली सफल पार्टी बन गयी. पर इसे काम नहीं दिया गया. विभाग इसका दोबारा टेंडर निकालना चाहता था. इधर रघुवर सरकार इस मुद्दे पर गंभीर थी. उसने पहल शुरू की व अस्पताल संचालन का एक माहौल बनाया है.
सरकारी दर पर होगा इलाज
निविदा की शर्तो के मुताबिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, रांची में सबका इलाज सेंट्रल गवर्मेट हेल्थ स्कीम (सीजीएचएस) की तय दर पर होगा. यह खुले बाजार से 20 फीसदी तक कम होता है. बीपीएल व गरीब परिवारों, जिनकी आय 72 हजार रुपये सालाना तक है, का इलाज भी सीजीएचएस दर पर होगा.
इनके बदले सरकार भुगतान करेगी. यानी बीपीएल व गरीब परिवारों के इलाज का खर्च सरकार अस्पताल प्रबंधन को देगी. अन्य लोगों को यहां इलाज से दो लाभ होगा. एक तो उन्हें इलाज का खर्च 20 फीसदी तक कम लगेगा. वहीं असाध्य रोगों के मामले में राज्य से बाहर जाने की नौबत नहीं आयेगी तथा आने-जाने रहने का खर्च भी बचेगा.
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