जमशेदपुर. झारखंड और बिहार की 15 बहनों का भगवान शिव के साथ ऐसी लगन लगी कि उन्होंने अपना पूरा जीवन परम शक्ति को समर्पित कर दिया. ये बहनें सोमवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से एक्सएलआरआइ ऑडिटोरियम में आयोजित दिव्य अलौकिक प्रभु समर्पण समारोह में शिव के रंग में रंग गयीं. शिव बाबा सांकेतिक रूप में दूल्हा बने थे. शिवलिंग को पगड़ी पहनायी गयी. बारी-बारी से सभी बहनों ने शिवलिंग पर माला पहनायी. मंगलगीत के साथ सात फेरे लगाये और सांकेतिक रूप से पार्वती बनकर अपना जीवन हमेशा के लिए सेवा को समर्पित कर दिया. जीवन की डोर भगवान शिव संग बांध ली. इस दौरान आज मेरे पिया घर आयेंगे/ सखी मंगल गीत गाओ री जैसे मंगल गीत बजते रहे. कई विवाह व अन्य गीतों पर नृत्य कर खुशियां मनायी गयीं. बराती और परिजनों ने भी नृत्य कर खुशियां मनायीं.
सात बहनें जमशेदपुर से
भगवान शिव को समर्पित बहनों में जमशेदपुर से सात बहनें प्रीति, आरती, सोनू, रेणु, शिवानी, ज्योत्सना और वर्षा शामिल थीं. इसके अतिरिक्त गंगोत्री (रांची), रूबी (सीतामढ़ी), प्रियंका (मुजफ्फरपुर), पूनम (रांची), रेणु (गया), लक्ष्मी (रांची), अल्का (मुजफ्फरपुर) और सुलेखा (रांची) शामिल थीं. बागबेड़ा की प्रीति बहन और गया की रेणु बहन ने स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद साध्वी जीवन अपनाया. दोनों तीन वर्षों से जमशेदपुर में ही सेवा दे रही थीं. इनमें सबसे अधिक रांची की लक्ष्मी बहन की उम्र 40 वर्ष और सबसे कम जमशेदपुर के जुगसलाई की आरती बहन की उम्र 23 साल है.परिजन ने कन्याओं का सौंपा हाथ
यूनिवर्सल पीस पैलेस मरीन ड्राइव में परिजन ने बेटियों की इच्छा से उनका हाथ माउंट आबू से आयी शीलू दीदी को समर्पित कर किया. इसके साथ सभी बहनें शिव के रंगों में रंगने के लिए सजने लगीं और एक्सएलआरआइ में समारोह के दौरान शिवमय हो गयीं. माउंट आबू की शीलू दीदी ने सभी कन्याओं को बधाई दी. कहा कि कन्याएं 21 कुल का उद्धार करती हैं, जैसा इन कन्याओं ने किया. मौके पर नीलू दीदी, कोल्हान प्रमुख अंजु दीदी व अन्य मौजूद रहे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है