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जमशेदपुर : झारखंड पुलिस व रेलवे की चमक-दमक भरी नौकरी मिलते ही जेल में तैनात कक्षपाल दे रहे हैं इस्तीफा

अशोक झा,जमशेदपुर : राज्य की जेलों में कक्षपाल के पद पर युवा नौकरी करना नहीं चाहते हैं. यही कारण है कि 2017 से अब तक राज्य के विभिन्न जेलों की सुरक्षा में तैनात 26 कक्षपाल नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं. इसमें घाघीडीह सेंट्रल जेल के छह कक्षपाल भी शामिल हैं. कक्षपाल की नौकरी छोड़ने […]

अशोक झा,जमशेदपुर : राज्य की जेलों में कक्षपाल के पद पर युवा नौकरी करना नहीं चाहते हैं. यही कारण है कि 2017 से अब तक राज्य के विभिन्न जेलों की सुरक्षा में तैनात 26 कक्षपाल नौकरी से इस्तीफा दे चुके हैं. इसमें घाघीडीह सेंट्रल जेल के छह कक्षपाल भी शामिल हैं. कक्षपाल की नौकरी छोड़ने वाले ज्यादातर युवा झारखंड पुलिस और रेलवे में योगदान दे रहे हैं.

झारखंड पुलिस और जेल में कक्षपाल पद पर सामान्य वेतन है, लेकिन झारखंड पुलिस व रेलवे की नौकरी में चमक-दमक है, जबकि कक्षपाल की नौकरी में यह नहीं है. वहीं कक्षपाल की ड्यूटी से ज्यादा हार्ड ड्यूटी झारखंड पुलिस व रेलवे में करना होता है. इसके बावजूद भी युवा इस्तीफा देकर झारखंड पुलिस व रेलवे की ड्यूटी ज्वाइन कर रहे हैं.
साल 2017 में हुए थे बहाल. राज्य की जेलों में कक्षपाल के पद पर साल 2017 में बहाली हुई थी. बहाली के बाद राज्य के विभिन्न जेलों में युवाओं को कक्षपाल के पद पर पदस्थापित किया गया, लेकिन बहाली के एक साल बाद ही 26 लोगों ने नौकरी से त्याग पत्र दे दिया.
ट्रेनिंग पर 1.58 लाख रुपये आया था खर्च, उसे भी नयी नौकरी मिलते ही खुशी-खुशी लौटा दे रहे हैं युवा. कक्षपाल के पद पर बहाली के बाद राज्य सरकार की ओर से सभी को ट्रेनिंग दिया गया था. ट्रेनिंग के दौरान एक कक्षपाल पर 1.58 लाख रुपये किया गया था. नौकरी से त्याग पत्र देने वाले कक्षपाल को ट्रेनिंग के दौरान उन पर खर्च रुपये जमा करना पड़ा है. घाघीडीह सेंट्रल जेल में तैनात कक्षपाल के पद से नौकरी छोड़ने वाले सभी ने ट्रेनिंग और उसके दौरान मिला राशि जमा करा दिया है.

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