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खैरात में नहीं मिले मेडल, बहुत पसीना बहाया

नौ से 10 घंटे की रोज कड़ी मेहनत का परिणाम यूं ही चोर ले जाये, यह मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं जमशेदपुर : कोई खैरात में मेडल नहीं देता. सम्मान भी अगर मिलता है, तो कड़ी मेहनत से. हमने रोज नौ से दस घंटे पसीना बहाया है. उस मेडल को यूं ही चोर ले […]

नौ से 10 घंटे की रोज कड़ी मेहनत का परिणाम यूं ही चोर ले जाये, यह मैं बर्दाश्त नहीं कर सकती हूं

जमशेदपुर : कोई खैरात में मेडल नहीं देता. सम्मान भी अगर मिलता है, तो कड़ी मेहनत से. हमने रोज नौ से दस घंटे पसीना बहाया है. उस मेडल को यूं ही चोर ले जायें और हम बर्दाश्त कर बैठ जायें, यह नहीं हो सकता है. पुलिस चाहे तो मेडल वापस आना संभव है.
अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाज अरुणा मिश्रा ने बुधवार को अपने आवास पर प्रभात खबर से बातचीत में यह बात कही. सिदगोड़ा थाना क्षेत्र अंतर्गत एग्रिको में रहने वाली अरुणा मिश्रा के घर 28 मार्च को दिनदहाड़े 15 लाख के जेवरात और डेढ़ लाख की नकदी की चोरी हो गयी थी. अरुणा मिश्रा झारखंड पुलिस में इंस्पेक्टर हैं, लेकिन वह पुलिस से यह गुहार लगा रही है कि उनका चोरी मेडल बरामद किया जाये. अरुणा ने बताया कि चार मेडल चोरी हुए है. चोरों गोल्ड मेडल हैं. अगर यह गोल्ड मेडल नहीं भी होता,
तो वह मेरे सम्मान से जुड़ा है. कितने मुक्के खाये हैं, वह हम ही जानते है. ‘मेडल सिर्फ सामान नहीं है, यह सम्मान है. अरुणा मिश्रा ने कहा कि उसे भरोसा है कि सरकार और पुलिस कुछ जरूर करेगी. इसके लिए जरूरी है कि मेहनत की जाये. उन्होंने कहा कि स्वर्ण पदक हासिल करना आसान नहीं होता है, जितना आसानी से कोई बोल जाता है.
चोरी गये पदक
1. 2003 में रांची यूनिवर्सिटी की ओर से मिला यूनिवर्सिटी ब्लूज अवार्ड
2. जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से 2004 में मिला सम्मान
3. बिहार सरकार की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में मिला सोने का मेडल
4. जमशेदपुर में 2011 में आयाेजित नेशनल गेम्स में मिला स्वर्ण पदक

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