एमजीएम अस्पताल के अधीक्षक डॉ बी भूषण को डीसी की फटकार
अोसियन इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
जमशेदपुर : एमजीएम अस्पताल अौर कॉलेज में कंप्यूटराइजेशन के नाम पर घोटाला करने के संबंध में जिस मेसर्स अोसियन इंटरप्राइजेज पर उपायुक्त के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गयी अौर कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया गया, उसी कंपनी को अस्पताल अधीक्षक डॉ बी भूषण ने एक साल का कार्य विस्तार (1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक) दे दिया. इसकी सूचना मिलने पर उपायुक्त ने फोन पर अस्पताल अधीक्षक को फटकार लगायी तथा अवधि विस्तार रद्द करने का निर्देश दिया. डीसी ने विस्तार रद्द नहीं करने पर जान बूझकर गलत कार्य को संरक्षण देने के आरोप में कार्रवाई करने की चेतावनी दी है. उपायुक्त के आदेश पर अवधि विस्तार रद्द कर दिया गया है.
उपायुक्त ने बताया कि एमजीएम अस्पताल में कंप्यूटराइजेशन (हॉस्पिटल मैनेजमेंट) का काम अोसियन इंटरप्राइजेज को दिया गया था. कार्य में अनियमितता बरती गयी थी. प्रक्रिया का पालन किये बिना एमजीएम प्रबंधन व निविदा कमेटी ने
टेंडर अधिक दर पर दिया. अोसियन इंटरप्राइजेज को जो काम मिला था उसने उसे पूरा नहीं किया, लेकिन प्रबंधन ने उसे पूरा भुगतान भी कर दिया. उपायुक्त ने मामले में जांच करायी और गोलमाल की पुष्टि पर एमजीएम मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य डॉ एएन मिश्रा पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा. उपायुक्त के आदेश पर अोसियन इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर (संजय कुमार) पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी तथा एजेंसी को ब्लैक लिस्टेड करते हुए सभी उपायुक्तों को जानकारी दे दी गयी थी.
क्या लिखा है निविदा अवधि विस्तार में
एमजीएम अस्पताल अधीक्षक द्वारा जारी कार्य आदेश में कहा गया है कि उनके कार्यालय के पत्र संख्या 1106 दिनांक 30 मार्च 17 द्वारा मेसर्स अोसियन इंटरप्राइजेज, आम बगान साकची को सेंट्रल कंप्यूटराइजेशन सिस्टम (हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम) के संचालन हेतु 1 अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक 20 कंप्यूटर अॉपरेटरों की आपूर्ति का आदेश निर्गत है. पुन: उनके कार्यालय के द्वारा (पत्र संख्या 3184, तारीख 23 नवंबर 17) अतिरिक्त तीन कंप्यूटर अॉपरेटर की आपूर्ति का आदेश 31 मार्च 2018 तक के लिए दिया गया.
चूंकि एमसीआइ के मापदंडों के अनुसार अस्पताल में सेंट्रल कंप्यूटराजेशन सिस्टम नियमित रूप से कार्यरत अनिवार्य है, अत: सेंट्रल कंप्यूटराइजेशन सिस्टम को 23 कंप्यूटर अॉपरेटरों के माध्यम से सुचारू रखने हेतु उनके कार्यादेश का अवधि विस्तार 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक के लिए किया जाता है. कार्यादेश संख्या 1106, तारीख 30 मार्च 17 के नियम, शर्तें एवं दर यथावत रहेंगे. न्यायालय/विभागीय कार्रवाई/ निदेश प्राप्त होने अथवा कार्य असंतोषजनक होने पर या अन्य किसी भी कारण से इस कार्यादेश में अंकित पदों की संख्या घटाई/बढ़ाई जा सकती है अथवा कार्यादेश एवं एकरारनामे को कभी भी रद्द किया जा सकता है.
कार्य में अनियमितता बरतने की पुष्टि होने पर ब्लैकलिस्टेड हुई थी कंपनी
क्या है मामला
एमजीएम अस्पताल में लगभग सवा दो करोड़ की लागत से सेंट्रल कंप्यूटराइजेशन सिस्टम (हॉस्पिटल मैनेजमेंट सिस्टम) के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य द्वारा टेंडर निकाला गया था, जो टेंडर अोसियन इंटरप्राइजेज को मिला था. भारतीय प्रशासनिक सुधार एवं जन शिकायत परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष दर्श चौधरी ने कंप्यूटराइजेशन में गबन की शिकायत मुख्यमंत्री जन संवाद में की थी. इसके बाद उपायुक्त ने एडीसी अौर सिविल सर्जन से इसकी जांच करायी,
जिसमें बाजार मूल्य से ज्यादा कीमत पर कंप्यूटर-प्रिंटर की आपूर्ति की बात जांच कमेटी ने कही. इसके बाद डीसी ने एजेंसी को काली सूची में डालने व प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की थी. सोमवार को उपायुक्त से मिलकर दर्श चौधरी ने अस्पताल के दो कर्मचारियों की मिलीभगत से अस्पताल अधीक्षक पर षडयंत्र रच कर ओसियन को मिली निविदा का अवधि विस्तार करने का आरोप लगाया. अवधि विस्तार का पत्र भी उन्होंने डीसी को सौंपा. इसके बाद उपायुक्त ने अवधि विस्तार रद्द करने का निर्देश दिया.